Dollar vs Rupee: लगातार मजबूत होते अमेरिकी डॉलर और घरेलू शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की बिकवाली के चलते भारतीय रुपया पिछले चार महीनों में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया. मंगलवार को रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले 18 पैसे टूटकर 86.88 पर आ गई. विदेशी कारोबारियों का कहना है कि आयातकों की ओर से डॉलर की लगातार मांग से अमेरिकी करेंसी मजबूत बनी हुई है, जिससे रुपये पर दबाव पड़ा है. इसके साथ ही विदेशी पूंजी की निकासी और घरेलू शेयर बाजार की सुस्ती ने निवेशकों की धारणा को भी कमजोर किया है.
क्यों कमजोर हो रहा रुपया?
दरअसल, अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 86.76 पर खुला. इसके बाद 86.88 प्रति डॉलर के निचले स्तर को छू गया जो पिछले बंद भाव से 18 पैसे की गिरावट दर्शाता है. सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 86.70 पर बंद हुआ था. इस बीच, छह प्रमुख देशों की मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.01 प्रतिशत की बढ़त के साथ 98.64 पर आ गया.
शेयर बाजार में गिरावट
घरेलू शेयर बाजार की बात करें तो सुबह करीब साढ़े नौ बजे मंगलवार को एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 62.31 अंक नीचे गिरकर 80,828.71 के स्तर पर कारोबार कर रहा था. जबकि एनएसई पर निफ्टी 50 भी 7.20 अंक लुढ़क कर 24,673.70 पर आ गया. आज शुरुआती कारोबार के दौरान जिन शेयरों में तेजी देखी गई है, उनमें Trent में 0.77 प्रतिशत का उछाल आया है. जबकि रियलायंस इंडस्ट्रीज भी 0.77 प्रतिशत, टाटो मोटर्स 0.66 प्रतिशत, सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज 0.63 प्रतिशत और कोटक महिंद्रा 0.58 प्रतिशत ऊपर गया है.
इंटरनेशनल स्टैंडर्ड ब्रेंट क्रूड 0.04 प्रतिशत की बढ़त के साथ 70.07 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) सोमवार को बिकवाल रहे. उन्होंने शुद्ध रूप से 6,082.47 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.