फेशियल से लेकर हेयर स्पा तक कराना होगा अब सस्ता, सरकार ने ब्यूटी ट्रीटमेंट पर घटाई जीएसटी

फेशियल से लेकर हेयर स्पा तक कराना होगा अब सस्ता, सरकार ने ब्यूटी ट्रीटमेंट पर घटाई जीएसटी


GST on Salon Services: जीएसटी काउंसिल की बुधवार को हुई मीटिंग में कई बड़े फैसले लिए गए. आठ साल पुराने टैक्स रिजीम में कुछ जरूरी बदलाव किए गए. 12 परसेंट और 28 परसेंट टैक्स स्लैब को खत्म कर 5 परसेंट और 18 परसेंट के स्लैब को मंजूरी दी गई. रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाली कई जरूरी चीजों से जीएसटी घटाई गई है, जिससे ये सामान सस्ते हो जाएंगे. इससे देश की आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी. इस क्रम में सैलून पर आपके खर्च में भी कमी आएगी.

ब्यूटी ट्रीटमेंट अब आएगा कम खर्च

जीएसटी काउंसिल ने ब्यूटी और फिजिकल वेल बीइंग सर्विसेज पर जीएसटी को 18 परसेंट से घटाकर 5 परसेंट कर दी है, वह भी बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के.  इनमें सैलून, फिटनेस सेंटर, बार्बर, योगा और हेल्थ क्लब वगैरह शामिल हैं. यानी कि अब अगर आगे चलकर आप हेयरकट, फेशियल, मसाज या फिटनेस सेशन बुक कर रहे हों, तो आपको सर्विस चार्ज काफी कम देना होगा. यह जीएसटी रिफॉर्म्स का ही एक हिस्सा है, जिसका मकसद आवश्यक और आम तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली सेवाओं को और अधिक किफायती बनाना है. 

पर्सनल केयर की कई चीजों के घटेंगे दाम 

सैलून के साथ-साथ सरकार ने साबुन, शैंपू जैसी पर्सनल केयर और हाइजिन से जुड़ी कई चीजों पर भी जीएसटी कम कर दिया है. टॉयलेट सोप बार पर अब केवल 5 परसेंट जीएसटी लगेगा. यह कदम निम्न और मध्यम आय वर्ग के परिवारों के मासिक खर्चों को कम करने के मकसद से उठाया गया है. फेस पाउडर और शैंपू पर भी जीएसटी को घटाकर 5 परसेंट कर दिया गया है. टूथपेस्ट, टूथब्रश और डेंटल फ्लॉस जैसे डेंटल हाइजिन से जुड़े प्रोडक्ट्स को भी अब 5 परसेंट वाले स्लैब में लाया गया है. हालांकि, माउथवॉश इस लिस्ट से बाहर है.

उम्मीद जताई जा रही है कि जीएसटी कट से ब्यूटी प्रोडक्ट्स और कॉस्मेटिक्स की मांग बढ़ेगी क्योंकि टैक्स कम होने से लोगों को सैलून जाना और हल्थ सर्विसेज का फायदा उठाना पहले के मुकाबले किफायती लगेगा. GST काउंसिल ने 3 सितंबर को हुई बैठक में 12 परसेंट और 28 परसेंट के स्लैब को हटाकर 5 परसेंट और 18 परसेंट टैक्स स्लैब को मंजूरी दी है. इनके अलावा, सिन गुड्स और लग्जरी आइटम्स पर 40 परसेंट टैक्स लगाने का भी ऐलान किया गया है जैसे कि पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, जर्दा जैसे चबाने वाले तम्बाकू उत्पाद, बीड़ी वगैरह. 

 

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