बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए कार्मिक मंत्रालय को 334 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित

बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए कार्मिक मंत्रालय को 334 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित


Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज शनिवार को 2025-26 के आम बजट में देश के कई सेक्टरों के लिए बड़ी घोषणाएं कीं. इस दौरान उन्होंने सरकारी कर्मचारियों का भी ध्यान रखा. आइए देखते हैं कि सरकार के बजट के पिटारे में सरकारी कर्मचारियों के लिए क्या रहा. 

अब सरकारी कर्मचारियों की जोर-शोर से होगी ट्रेनिंग

वित्त मंत्री ने आज बजट में देश-विदेश में सरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने और इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित जरूरी ट्रेनिंग के लिए कार्मिक मंत्रालय को 334 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए. इसी के साथ प्रशासनिक सुधारों के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है. यह प्रावधान सरकारी कार्यालयों के मार्डनाइजेशन व प्रशासनिक सुधारों से जुड़ीं पायलट परियोजनाएं के लिए है, जिसमें ई-गवर्नेंस का प्रोमोशन, सुशासन को बढ़ावा देना और जनता की शिकायतों के निवारण के लिए व्यापक प्रणाली शामिल हैं. 

सरकारी कर्मचारियों को बनाया जाएगा टेक-फ्रेंडली

कार्मिक मंत्रालय को किए कुल 334.45 करोड़ रुपये के आवंटन में से 105.99 करोड़ रुपये प्रशिक्षण प्रभाग, सचिवालय प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संस्थान (आईएसटीएम) और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) को बनाने में होने वाले खर्च के लिए, 118.46 करोड़ रुपये प्रशिक्षण योजनाओं के लिए और 110 करोड़ रुपये राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम या मिशन कर्मयोगी के लिए हैं. बता दें कि मिशन कर्मयोगी का मकसद सरकारी कर्मचारियों को अधिक क्रिएटिव, सक्रिय, प्रोफेश्नल और टेक-फ्रेंडली बनाना है. 

बनाए जाएंगे ये सभी ऑर्गेनाइजेशन

बजट दस्तावेजों के अनुसार, 105.99 करोड़ रुपये के प्रावधान में दिल्ली में आईएसटीएम, मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के ट्रेनिंग डिवीजन को बनाने में होने वाला खर्च शामिल हैं. इन संस्थानों में कई फाउडेंशन कोर्स, रीफ्रेशर्स कोर्स और मिड करियर ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि सभी ग्रेडों के सचिवालयी कर्मचारियों को नए नियमों व योग्यता की जानकारी दी जा सके. इसके अलावा, इसमें केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) और केंद्रीय सचिवालय आशुलिपिक सेवा (सीएसएसएस) के अधिकारियों के देश-विदेश की यात्रा पर खर्च व कोर्स फी शामिल हैं. 

इसके अलावा, 118.46 करोड़ रुपये प्रशिक्षण योजनाओं और राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम के लिए हैं. साथ ही अगले वित्तीय वर्ष के दौरान सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के प्रचार-प्रसार के लिए 3 करोड़ रुपये का भी फंड रखा गया है. 

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