बड़ी-बड़ी कंपनियों के एक-दूसरे में विलय होने का क्या है राज! क्या है इसका गणित

बड़ी-बड़ी कंपनियों के एक-दूसरे में विलय होने का क्या है राज! क्या है इसका गणित


Merger In 2024: साल 2024 कई बड़ी-बड़ी कंपनियों के एक-दूसरे में विलय हो जाने का साल रहा है. इससे दोनों कंपनियों के शेयर होल्डर्स और स्टेक होल्डर्स को फायदा हुआ. दोनों को मिलाकर बाजार की हिस्सेदारी बड़ी हो गई. कंपीटिटर से लड़ने की क्षमता अधिक हो गई और भी कई ऐसे फायदे हैं, जिसके कारण बड़े कंपनी समूहों के आपस में मिल जाने का सिलसिला जारी रहा. डिज्नी इंडिया रिलायंस की हो गई और एयर इंडिया ने विस्तारा को अपना बना लिया. मामला इन्हीं दो तक सीमित नहीं है. यह सूची लंबी है.

जानिए कैसे-कैसे हुए मर्जर 

कानूनी भाषा में एक कंपनी के दूसरी कंपनी में मिल जाने को मर्जर एंड एक्विजीशन कहते हैं. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल 96.9 अरब डॉलर के एसेट का मर्जर एंड एक्विजीशन हुआ. जो सालभर पहले के मुकाबले 18.2 फीसदी अधिक है. इस आंकड़े में लंबित, प्रस्तावित और पूरी हो चुकी हर तरह की डील शामिल हैं. इन आंकड़ों का महत्व इसलिए भी है कि साल 2023 में मर्जर एंड एक्विजीशन 63.8 फीसदी घटकर 81.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. 

कैसा रहा रिलायंस-डिज्नी इंडिया का मर्जर

मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ग्लोबल मीडिया अंपायर रखने वाली कंपनी डिज्नी की भारतीय इकाई के साथ 70 हजार करोड़ का मर्जर किया है. दोनों कंपनियों ने मिलकर 14 नवंबर 2024 को ज्वाइंट वेंचर बनाया. इस नई कंपनी में रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर 16.34 फीसदी, वॉयकॉम 18 के शेयर 46.82 फीसदी और डिज्नी के शेयर 36.84 फीसदी हैं.

ऐसे एयर इंडिया की हो गई विस्तारा

एयर इंडिया और विस्तारा ने आपस में मिलकर भारत में लो-कॉस्ट कैरियर वाली इंडियन एवियेशन इंडस्ट्रीज के पावर स्ट्रक्चर को लगभग बदल दिया है. नई कंपनी के पास भारत के 90 ठिकानों से हर हफ्ते 5600 फ्लाइटें हैं. दोनों के मर्जर के बाद बनी नई कंपनी में सिंगापुर एयरलाइंस की 56 फीसदी हिस्सेदारी है.

चार तेल-गैस कंपनियां मिलकर हो गईं एक

सितंबर में गुजरात स्टेट पेट्रोनेट ने अपने कारोबार को रिस्ट्रक्चर करने का खुलासा किया. इसके तहत गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, गुजरात स्टेट पेट्रोनेट, जीएसपीसी एनर्जी लिमिटेड और गुजरात गैस मिलकर एक हो गईं. इसे अभी कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय, बीएसई, एनएसई और दूसरे शेयर होल्डर की मंजूरी नहीं मिली है.

 वैक्सीन निर्माता ने फिल्म प्रॉडक्शन में भागीदारी बढ़ाई

कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए चर्चित हुए सीरम इंस्टॉयूट के सीईओ अदार पूनावाला के सेरेन प्रॉडक्शन ने करण जौहर के धर्मा प्रॉडक्शन और धर्मेटिक इंरटेनमेंट के साथ साझीदारी की. अक्टूबर में सेरेन प्रॉडक्शन ने धर्मा प्रॉडक्शन और धर्मेटिक इंटरटेनमेंट के 50 फीसदी शेयरों के अपने हवाले करने की घोषणा की. इस डील के बाद करण जौहर ने अभी भी 50 फीसदी शेयर अपने पास रखे हैं और वे अपनी दोनों प्रॉडक्शन हाऊस के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बने रहेंगे.

मैनकाइंड फार्मा और भारत सीरम में हुई डील

मैनकाइंड फार्मा ने अक्टूबर में भारत सीरम एंड वैक्सीन लिमिटेड के अधिग्रहण का डील फाइनल किया. यह सौदा 13,768 करोड़ में फाइल हुआ. इसके बाद महिलाओं के स्वास्थ्य और फर्टिलिटी ड्रग कारोबार में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी बढ़ गई है.

अंबुजा सीमेंट और पन्ना सीमेंट का हुआ मर्जर

अंबुजा सीमेंट ने 10,422 करोड़ देकर पन्ना सीमेंट को अपने हवाले कर लिया. 16 अगस्त से यह सौदा प्रभावी हो गया. इस सौदे ने पन्ना सीमेंट को पूरी तरह से अंबुजा सीमेंट की इकाई बना दी है. मर्जर के बाद देश के सीमेंट कारोबार के बड़े हिस्से में नई कंपनी की बाजार हिस्सेदारी बढ़ गई है.

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