बांग्लादेश के लिए सिर दर्द बने रोहिंग्या! मोहम्मद यूनुस ने किया कबूल, अब दुनिया के देशों के साम

बांग्लादेश के लिए सिर दर्द बने रोहिंग्या! मोहम्मद यूनुस ने किया कबूल, अब दुनिया के देशों के साम


Bangladesh On Rohingya: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने रोहिंग्या को लेकर बयान दिया. उन्होंने रोहिंग्या लोगों की दुर्दशा को लेकर दावा किया कि ये लोग नस्लीय भेदभाव के शिकार हैं. अंतरराष्ट्रीय नस्लीय भेदभाव उन्मूलन दिवस पर शुक्रवार (21 मार्च 2025) को मोहम्मद यूनुस ने कहा कि साल 2017 से बांग्लादेश 10 लाख से अधिक जबरन विस्थापितों को शरण दी है, लेकिन वापस फिर से इनका म्यांमार जाना ही इस समस्या का स्थायी समाधान है.

रोहिंग्या को वापस भेजने में लगा बांग्लादेश

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक मोहम्मद यूनुस ने दुनिया के देशों से आह्वान किया कि वे रोहिंग्या को वापस उनके अपने देश म्यांमार भेजने के लिए सक्रिय रूप से शामिल हों. उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द सुनिश्चित किया जाना चाहिए. उन्होंने नस्लवाद, नस्लीय भेदभाव, किसी देश के प्रति नफरत और उससे संबंधित सभी प्रकार की असहिष्णुता से लड़ने के लिए प्रतिबद्धता जतायी. इस साल सभी प्रकार के नस्लीय भेदभाव के उन्मूलन पर अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन (ICERD) को अपनाए जाने की 60वीं वर्षगांठ है.

यूएन ने दिया बांग्लादेश को झटका

बांग्लादेश इस समय रोहिंग्या पर हो रहे खर्च से परेशान है. संयुक्त राष्ट्र अगले महीने बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए फूड फंड को 12.50 डॉलर से घटाकर 6 डॉलर प्रति महीना कर देगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि यूएन को फंड नहीं मिल रहा है. ऐसा करने से दुनिया की सबसे बड़ी शरणार्थी बस्ती (रोहिंग्या) में भुखमरी का खतरा मंडराने लगा है. 

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक इसे लेकर वर्ल्ड फूड प्रोग्राम (WFP) ने कहा कि वह राशन की कीमत 12.50 डॉलर प्रति माह रखने के लिए पैसे जुटाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसे दुनिया के कई देशों से फंडिंग नहीं मिल पाया. इसके बाद संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 13 मार्च 2025 को बांग्लादेश के रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों का दौरा किया था.

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