बांग्लादेश फिर दिखा रहा है आंख, भारत के इस दुश्मन पर कर रहा ‘रहम’

बांग्लादेश फिर दिखा रहा है आंख, भारत के इस दुश्मन पर कर रहा ‘रहम’


Bangladesh High Court ulfa Smugglers: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार जाने के बाद आई अंतरिम सरकार लगातार भारत को जख्म देने की कोशिश कर रही है. इस बार तो मोहम्मद यूनुस की सरकार भारत के दुश्मन की ढाल बनकर सामने आई है. दरअसल बांग्लादेश के एक हाई कोर्ट ने बुधवार (18 दिसंबर 2024) को उल्फा नेता परेश बरुआ की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया और पूर्वोत्तर भारत में अलगाववादी संगठन को हथियारों की तस्करी के प्रयास के 2004 के एक मामले में एक पूर्व कनिष्ठ मंत्री और पांच अन्य को बरी कर दिया.

अप्रैल 2004 में चटगांव के रास्ते उत्तर-पूर्वी भारत में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के ठिकानों तक सुरक्षित तरीके से हथियार पहुंचाने के कुछ “प्रभावशाली पक्षों” के कथित प्रयासों के बावजूद कुल 10 ट्रक हथियार जब्त किए गए थे. जब्त हथियारों में 27,000 से अधिक ग्रेनेड, 150 रॉकेट लॉन्चर, 11 लाख से अधिक गोला-बारूद, 1,100 सब मशीन गन और 1.14 करोड़ कारतूस शामिल थे.

उल्फा नेता को बांग्लादेश ने किया बरी

एक सरकारी वकील ने बताया कि उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने उल्फा नेता परेश बरुआ की अनुपस्थिति में उसे सुनाई गई मौत की सजा को कम कर आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया. माना जा रहा है कि वह इस समय चीन में है. उन्होंने बताया कि न्यायमूर्ति मुस्तफा जमान इस्लाम और न्यायमूर्ति नसरीन अख्तर की उच्च न्यायालय की पीठ ने पूर्व गृह राज्य मंत्री लुत्फुज्जमां बाबर और छह अन्य को बरी कर दिया, जिन्हें मौत की सजा सुनाई गयी थी.

इन लोगों को मिली फांसी की सजा

फांसी की सजा से बचने वाले पांच अन्य लोगों में पूर्व महानिदेशक, सैन्य खुफिया बल (डीजीएफआई) के सेवानिवृत्त मेजर जनरल रज्जाकुल हैदर चौधरी, सरकारी उर्वरक संयंत्र (सीयूएफएल) के पूर्व प्रबंध निदेशक मोहसिन तालुकदार, इसके महाप्रबंधक इनामुल हक, उद्योग मंत्रालय के पूर्व अतिरिक्त सचिव नूरुल अमीन और जमात-ए-इस्लामी नेता मोतीउर रहमान निजामी शामिल हैं. माना जाता है कि संयंत्र स्थल का इस्तेमाल उल्फा के लिए हथियारों के ट्रांसपोर्ट के लिए किया जाता था.

ये भी पढ़ें:

1568 दिनों के बाद सिर्फ इतने दिनों के लिए जेल से बाहर आएंगे उमर खालिद, इस वजह से मिली जमानत



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *