बांग्लादेश में कानून राज स्थापित हो, तभी वापस जाऊंगा.. हसीना सरकार के गृह मंत्री रहे कमाल ने की

बांग्लादेश में कानून राज स्थापित हो, तभी वापस जाऊंगा.. हसीना सरकार के गृह मंत्री रहे कमाल ने की


Bangladesh Ex-Home Minister: बांग्लादेश के पूर्व गृह मंत्री आजादुज्जमां खान कमाल ने देश से शेख हसीना की सरकार के पतन और मोहम्मद यूनुस की सत्ता संभालने के बाद देश में बदली परिस्थितियों के बारे में बताया. बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार में 10 साल से ज्यादा समय तक गृह मंत्री रहे आजादुज्जमां खान कमाल ने इंडियन एक्सप्रेस को एक इंटरव्यू दिया.

इंटरव्यू में अवामी लीग के सीनियर नेता कमाल ने कहा, “बांग्लादेश में उनकी सरकार का तख्तापलट सेना और कट्टरपंथियों ने मिलकर किया.” उन्होंने बांग्लादेश के बेहतर भविष्य के लिए मोहम्मद यूनुस से पद छोड़ने और जल्द से जल्द चुनाव कराने की अपील की. इसके अलावा आजादुज्जमा खान कमाल ने भारत से मदद की अपील की है.

‘सेना प्रमुख ने दिया था स्थिति पर काबू पाने का आश्वासन’

बांग्लादेश में पिछले साल 5 अगस्त को छात्र आंदोलन में भारी विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना की सरकार गिर गई और उन्हें देश छोड़कर भागना पड़ा. उन्होंने कहा, “पिछले साल 3 से 5 अगस्त के बीच हुई घटनाओं में सेना और कट्टरपंथियों की मिलीभगत थी. 4 अगस्त तक मैं शेख हसीना के साथ था. उस वक्त सेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री हसीना को आश्वासन दिया था कि वे देश की स्थिति का काबू कर लेंगे. उन्होंने प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी ली थी, लेकिन 5 अगस्त को जो हुआ, वो सबने देखा है.”

‘मैं बांग्लादेश लौटने के लिए तैयार, भारत करे मदद’

पूर्व गृह मंत्री ने कहा, “मेरे बेटे और मेरे कई रिश्तेदार जेल में हैं और मेरे खिलाफ भी 290 हत्याओं के मामले दर्ज हैं. हैरानी की बात है कि 290 में से 54 मामलों में कथित मृतक जिंदा वापस आ गए हैं. मैं बांग्लादेश जाने के लिए तैयार हूं, बशर्ते देश में कानून का राज स्थापित हो और अदालतें निष्पक्ष सुनवाई करें.”

उन्होंने कहा, “मैं एक स्वतंत्रता सेनानी रहा हूं, मुझे पता है भारत ने 1971 में बांग्लादेश के लिए क्या किया था. भारत हर कदम पर बांग्लादेश के साथ खड़ा रहा. हमेशा बांग्लादेश की मदद की. भारत अब भी कूटनीतिक तरीके से हमारी मदद कर सकता है. हमारी अदालतें लकवाग्रस्त हो गई हैं. अवामी लीग के वकीलों के अदालतों में घुसने नहीं दिया जा रहा. इसलिए भारत को कूटनीतिक दबाव बनाना चाहिए ताकि बांग्लादेश में अदालतें कानूनी रूप से काम करना शुरू करें और भारत इसके लिए हमारी मदद कर सकता है.”

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