संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में विपक्षी दलों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर बुधवार (23 जुलाई, 2025) को भी सदन में हंगामा किया. विपक्ष के लगातार हंगामे के कारण दो बार स्थगन के बाद कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई.
सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर 2 बजे पुन: शुरू हुई थी, इस दौरान भी विपक्षी सदस्यों ने शोर-शराबा जारी रखा. कई विपक्षी सदस्य अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर तख्तियां लहरा रहे थे और कुछ सदस्य आसन के पास आ गए.
चेयर ने स्थगित कर दी कल तक कार्यवाही
हंगामे के बीच, पीठासीन सभापति कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने विपक्षी सदस्यों से अपनी सीटों पर जाकर बैठने का आग्रह करते हुए कहा, “सदन में आज गोवा के आदिवासी समुदाय से संबंधित महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा होनी है.” लोकसभा की आज बुधवार (23 जुलाई) की कार्यसूची में ‘गोवा राज्य विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का समायोजन विधेयक, 2024’ सूचीबद्ध था.
उन्होंने कहा, “पिछले दो दिन में हमने बेशकीमती समय गंवाया है. विधेयक पर चर्चा होने दें. आप इस तरह तख्तियां नहीं लहरा सकते हैं. बार-बार के अनुरोध के बावजूद ऐसा लगता है कि आप (विपक्षी सदस्य) गोवा के एसटी (अनुसूचित जनजाति) समुदाय पर कोई चर्चा नहीं चाहते, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.” इसके साथ ही, उन्होंने सदन की कार्यवाही गुरुवार (24 जुलाई, 2025) की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
इससे पहले, मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार (23 जुलाई, 2025) को सुबह 11 बजे निचले सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी दलों के सदस्य हंगामा करने लगे. विपक्षी सांसदों ने आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी की और तख्तियां लहराईं, जिन पर SIR विरोधी नारे लिखे हुए थे.
उन्होंने बिहार में एसआईआर की कवायद, पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर को रोकने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावों समेत कुछ विषयों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया.
देश की जनता ने आपको आवाज बनाकर भेजा है: ओम बिरला
सदन में शोर-शराबे के बीच ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रश्नकाल के दौरान कुछ पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों ने अपने स्थान पर जाने और सदन चलने देने की अपील की. उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘संसद और संसद परिसर के अंदर आपका व्यवहार, आचरण और कार्यपद्धति मर्यादित होने चाहिए. देश की जनता ने आप लोगों को अपनी आवाज, जनता की कठिनाई, चुनौतियों, देश से जुड़ें मुद्दों और नीतियों पर चर्चा के लिए भेजा है.’’
ओम बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों को दी थी चेतावनी
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी थी कि सदन में तख्तियां लेकर आने वाले सांसदों पर उन्हें निर्णायक कार्रवाई करनी पड़ेगी. हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने करीब 11 बजकर 10 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. दोपहर 12 बजे सदन की बैठक पुन: शुरू हुई तो पीठासीन सभापति संध्या राय ने आवश्यक कागजात सदन में प्रस्तुत कराए. इस बीच विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे.
तीसरे दिन भी महत्वपूर्ण विषयों पर नहीं पूछे जा सके सवाल: संध्या राय
पीठासीन सभापति संध्या राय ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी बहुत वरिष्ठ सदस्य हैं. सदन की गरिमा, मर्यादा को समझते हैं और विपक्ष की भूमिका जानते हैं.’’ उन्होंने प्रश्नकाल में हुए व्यवधान का उल्लेख करते हुए कहा, “आज लगातार तीसरे दिन शोर-शराबे के कारण रेलवे जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रश्न नहीं पूछे जा सके.
राय ने कहा, ‘‘पूरा देश आपको देख रहा है. सरकार आपके उठाए गए विषयों पर चर्चा चाहती है. आपका आचरण सदन की गरिमा के अनुरूप नहीं है.’’
खेल मंत्री ने लोकसभा में पेश किए थे दो विधेयक, हंगामे के बीच नहीं हुई चर्चा
हंगामे के बीच ही खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा में राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक, 2025 सदन में पेश किए. हालांकि, शोर-शराबा समाप्त नहीं होने पर पीठासीन सभापति ने बैठक को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया था.
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