संसद भवन परिसर में चली बीजेपी सांसदों की दो दिवसीय कार्यशाला के समापन के मौके पर बीजेपी और एनडीए सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने न केवल आगामी रणनीतियों का रोडमैप पेश किया, बल्कि भाजपा और एनडीए सांसदों को यह संदेश भी दिया कि सरकारी योजनाओं और सुधारों को जन-जन तक पहुंचाना ही सबसे अहम जिम्मेदारी है.
प्रधानमंत्री ने इस दौरान जीएसटी रिफॉर्म, स्वदेशी मुहीम और ऑनलाइन गेमिंग बिल पर सांसदों के सामने अपनी बात रखी और जनता के बीच इन मुद्दों को ले जाने को कहा. पीएम मोदी ने एनडीए सांसदों के साथ बैठक में साफ कहा कि जीएसटी सुधारों को जनता तक पहुंचाना बेहद जरूरी है. इसके लिए सांसदों को अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाने को कहा गया है.
आम लोगों में जागरूकता बढ़ाना उद्देश्य
प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि सांसद 20 से 30 व्यापारी सम्मेलन आयोजित करें, ताकि छोटे-बड़े व्यापारियों और दुकानदारों को जीएसटी सुधारों के लाभ और इसकी पारदर्शिता के बारे में विस्तार से बताया जा सके. ऐसा करने से कर प्रणाली को लेकर आम लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और सुधारों का फायदा जमीनी स्तर तक पहुंचेगा.
प्रधानमंत्री ने सांसदों को यह भी कहा कि नवरात्र से दिवाली तक ‘स्वदेशी मेले’ आयोजित किए जाएं, जिसमें भारतीय उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाए. उन्होंने जोर दिया कि हर सांसद अपने क्षेत्र में एक प्रदर्शनी जरूर आयोजित करें, जिसका थीम होगा ‘गर्व से कहो ये स्वदेशी है’.
मेड इन इंडिया अभियान को मजबूती
इन मेलों और प्रदर्शिनियों में स्थानीय कारीगरों, सूक्ष्म और लघु उद्योगों व पारंपरिक स्वदेशी उत्पादों को स्थान दिया जाएगा. मोदी ने कहा कि इससे मेड इन इंडिया अभियान को मजबूती मिलेगी और जनता स्वदेशी उत्पादों को अपनाने के लिए प्रेरित होगी.
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने हाल ही में संसद से पास हुए ऑनलाइन गेमिंग बिल पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि यह कानून इसलिए जरूरी था, क्योंकि ऑनलाइन गेमिंग की लत से बच्चों, महिलाओं और युवाओं को नुकसान हो रहा था.
दो दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन पंक्ति में दिखे पीएम मोदी
इससे न केवल सामाजिक और पारिवारिक माहौल प्रभावित हो रहा था, बल्कि आर्थिक नुकसान भी सामने आ रहे थे. पीएम ने सांसदों से आग्रह किया कि वे इस बिल के उद्देश्य को जनता तक पहुंचाएं, ताकि लोग समझ सकें कि यह कदम उनकी सुरक्षा और भलाई के लिए उठाया गया है.
बैठक के दौरान एक खास नजारा तब दिखा, जब दो दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन प्रधानमंत्री पिछली पंक्ति में बैठे नजर आए थे. पीएम मोदी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वे खुद को सामान्य कार्यकर्ता मानते हैं और टीम भावना से काम करना ही उनकी प्राथमिकता है.
बैठक का मुख्य उद्देश्य जागरूकता
यह बैठक न केवल आगामी रणनीतियों का रोडमैप पेश करती है, बल्कि भाजपा और एनडीए सांसदों के लिए यह संदेश भी देती है कि सरकारी योजनाओं और सुधारों को जन-जन तक पहुंचाना ही सबसे अहम जिम्मेदारी है.
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