RCB Victory Parade Stampede: बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 33 घायल लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. हादसे को करीब 15 घंटे गुजर जाने के बाद भी कोई जिम्मेदारी स्वीकार नहीं कर रहा है और आरोप-प्रत्यारोप का खेल जारी है. कर्नाटक सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन भगदड़ की जिम्मेदारी लेने से खुद को अलग रख रही है. इस बीच, पीड़ित परिवारों का गुस्सा और आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
बीती रात डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार मृतकों के परिवार से मिलने अस्पताल पहुंचे, जहां परिजनों ने अपनी नाराजगी और बेबसी जाहिर की. व्यवस्था को लेकर उनका रोष साफ नजर आया. उसी समय, जब नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक अस्पताल में मृतकों के परिजनों से मिले, तब एक पिता, जिसने अपने जवान बेटे को खो दिया था, अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाया और उनकी पीड़ा देखने वालों का दिल दहला देने वाली थी.
मृतक के पिता ने कही ये बात
भगदड़ में अपनी जान गंवाने वाले 20 वर्षीय भौमिक के पिता आंसू बहाते हुए बोले, “अब और किसी के साथ ऐसा हादसा न हो. देखिए, हम अपने ही बच्चों के लिए पैसे खर्च करते हैं, फिर भी ऐसी त्रासदी हो जाती है. मेरा बेटा अब इस दुनिया में नहीं है, कृपया ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएं.”
कर्नाटक सरकार ने दिए न्यायिक जांच के आदेश
कर्नाटक सरकार ने भगदड़ की गंभीरता को देखते हुए न्यायिक जांच का आदेश जारी किया है और 15 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है. मुख्यमंत्री ने बताया कि स्टेडियम के गेट तक टूट गए थे, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई. इतनी भारी भीड़ की किसी को उम्मीद नहीं थी. जबकि स्टेडियम की अधिकतम क्षमता 35,000 है, वहां करीब 2 से 3 लाख लोग इकट्ठा हो गए थे. सुरक्षा के लिए बेंगलुरु शहर की पूरी पुलिस फोर्स तैनात की गई थी.
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