Defence Deal: भारतीय सेना का तोपखाना अब और ज्यादा ताकतवर होने जा रहा है. इसके लिए एक बड़ी डील साइन हुई है. रक्षा मंत्रालय ने बुधवार (26 मार्च) को दो कंपनियों के साथ 6900 करोड़ रुपए का सौदा किया. इसके तहज 307 एडवांस्ड टोव्ड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) यानी होवित्जर तोपें और इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए हाई मोबिलिटी ट्रक खरीदें जाएंगे. यह डील भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के साथ हुई है. भारत फोर्ज 60% तोपों का निर्माण करेगी, जबकि टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स 40% की आपूर्ति करेगी.
155 मिमी/52 कैलिबर ATAGS यानी होवित्जर तोपें, पुरानी और छोटी कैलिबर की तोपों की जगह लेगी और भारतीय सेना की तोपखाने की क्षमताओं को बढ़ाएंगी. आर्टिलरी रेजिमेंटों के आधुनिकीकरण के तहत इन तोपों को खरीदा जा रहा है. इतनी बड़ी संख्या में इन तोपों की खरीद से भारतीय सेना का तोपखाना निश्चित तौर पर पहले से और ज्यादा ताकतवर होगा. आधिकारिक सूचना के मुताबिक, इन सौदों के साथ ही चालू वित्तवर्ष में अब तक रक्षा मंत्रालय द्वारा कुल 1.40 लाख करोड़ रुपये के अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं.
युद्ध में निर्णायक भूमिका में होती हैं होवित्जर तोपें
होवित्जर तोपें अपनी असाधारण मारक क्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं. ये सटीक और लंबी दूरी के हमलों को सक्षम करके सेना की मारक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. पहले युद्धों में बड़ी और भारी तोपों का उपयोग किया जाता था. ऐसी तोपों को हर जगह जैसे पहाड़ों पर ले जाने में बड़ी चुनौतियां होती थीं. ऐसे में होवित्जर यानी हल्की और छोटी तोपें बनाई गई, ताकि ट्रांसपोर्ट आसान हो सके. इनकी मारक क्षमता भी सटीक होती है और इनक रखरखाव भी कम खर्चीला और आसान होता है.
डिफेंस में मेक-इन-इंडिया को प्राथमिकता
भारतीय सेना द्वारा यह देश के निजी क्षेत्र से इन तोपों की पहली बड़ी खरीद है. इससे भारतीय तोप निर्माण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. यह डील स्वदेशी रक्षा विनिर्माण को भी बढ़ावा देगी. इस तरह की डील से देश में रोजगार भी बढ़ेंगे और आर्थिक विकास में भी सहयोग मिलेगा. रक्षा विभाग में आत्मनिर्भर भारत बनाने के प्रयासों के लिहाज से यह एक अच्छी डील नजर आती है.