इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन-ताइवान अभी थमा भी नहीं है कि अब आसियान में युद्ध की आहट सुनाई देने लगी है. बॉर्डर पर एक हिंदू मंदिर को लेकर थाईलैंड और कंबोडिया में खूनी झड़प देखने को मिली है, जिसमें फाइटर जेट से लेकर रॉकेट तक का इस्तेमाल हुआ है.
आखिर क्या है थाईलैंड और कंबोडिया के बीच का सीमा विवाद?
थाईलैंड और कंबोडिया के सीमा विवाद की जड़ एक प्राचीन हिंदू मंदिर है, जिसके चलते आसियान से जुड़े ये दोनों देश एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं. दरअसल, थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर एक बड़ा मंदिर है, जिसे प्रिहा-विहार के नाम से जाना जाता है और यूनेस्को की धरोहर लिस्ट में शामिल है. भगवान शिव के इस मंदिर का निर्माण 9-12 शताब्दी के बीच कंबोडिया के खमेर साम्राज्य के राजाओं ने कराया था.
कैसे शुरू हुई दोनों देशों के बीच की खुनी झड़प
गुरुवार (24 जुलाई, 2025) की सुबह अचानक कंबोडिया और थाईलैंड के सैनिकों के बीच गोलाबारी शुरू हो गई. ये गोलाबारी बुधवार (23 जुलाई, 2025) को थाईलैंड के पांच सैनिकों की लैंडमाइंस यानी बारूदी सुंरग की चपेट में आने से हुई. ये पांचों सैनिक गंभीर रूप से घायल हैं. थाईलैंड सेना ने आरोप लगाया कि ये बारूदी सुंरग कंबोडिया ने लगाई है. कंबोडिया ने इन लैंड माइंस को विवादित इलाकों में बिछाने का आरोप लगाया, क्योंकि 1962 के इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के एक फैसले के तहत प्रिहा-विहार मंदिर कंबोडिया के अधिकार-क्षेत्र में है, लेकिन थाईलैंड ने आसपास के इलाकों पर कब्जा जमा रखा है. कंबोडिया के नागरिक इस मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए जाना चाहते हैं. मंदिर के आसपास थाई सैनिकों की मौजूदगी के चलते ये संभव नहीं हो पाता है. बस इसी को लेकर पिछले कई दशक से दोनों देश भिड़े हुए हैं और 800 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सीमा पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हो गए हैं.
कंबोडिया ने दागे रॉकेट, तो थाईलैंड ने कंबोडियाई सेना के कैंप पर F-16 से किया हमला
कंबोडिया की तरफ से थाइलैंड के इलाकों को टारगेट करते हुए रॉकेट और मोर्टार अटैक किए गए. कंबोडिया ने रूसी बीएम-21 रॉकेट का इस्तेमाल करते हुए थाइलैंड में एक गैस स्टेशन पर अटैक किया. हमले के बाद गैस स्टेशन पर धुएं का गुबार देखा गया. हमले के बाद दहशत में लोग इधर-उधर भागते हुए नजर आए. जवाबी कार्रवाई करते हुए थाईलैंड ने कंबोडिया के दो मिलिट्री कैंप पर एफ-16 फाइटर जेट से हवाई हमले कर दिया. कंबोडिया ने थाईलैंड के एफ-16 को मार गिराने का भी दावा किया, जिसे थाई आर्मी ने नकार दिया.
अब तक हमले में छह की मौत और एक दर्जन से ज्यादा घायल
गुरुवार (24 जुलाई, 2025) की दोपहर तक दोनों देशों के बीच कम से कम आधा दर्जन इलाकों में फायरिंग चल रही थी. रिपोर्ट्स की मानें, तो गोलाबारी में कम से कम छह नागरिकों की जान चली गई है और एक दर्जन से ज्यादा घायल हो गए हैं.
साल की शुरुआत में भी बने थे टकराव के हालात
इस साल फरवरी महीने से ही दोनों देशों के बीच टकराव के हालात बने हुए हैं. फरवरी के महीने में कुछ कंबोडियाई महिलाएं सैनिकों के साथ विवादित क्षेत्र में बने शिव मंदिर पर पूजा के लिए पहुंची थीं. यहां उन्होंने कंबोडिया का राष्ट्रीय गान भी गाया. इस पर थाईलैंड सेना ने विरोध भी दर्ज कराया और धीरे-धीरे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता गया.
मौजूदा तनाव की शुरुआत 28 मई को हुई, सीमा पर हुई झड़प में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हो गई थी. ये घटना एमराल्ड ट्रायंगल नाम के क्षेत्र में हुई. विवाद और बढ़ गया जब, सीमा विवाद में थाईलैंड की युवा महिला प्रधानमंत्री शिनावात्रा को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. शिनवात्रा ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए कंबोडिया के एक पूर्व प्रधानमंत्री से फोन पर बात करते हुए अपनी ही सेना को झड़प के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया था. शिनावात्रा की फोन कॉल का ऑडियो लीक हो गया.
आसियान यानी दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन से जुड़े थाईलैंड और कंबोडिया ने सैन्य झड़प के बाद अपने-अपने राजदूतों को एक-दूसरे के देश से वापस बुलाने का ऐलान कर दिया है. साथ ही दोनों देशों की सेनाओं ने 800 किलोमीटर लंबी सीमा को सील कर दिया है ताकि नागरिकों की आवाजाही रोकी जा सके.
कंबोडिया ने थाईलैंड से आयात पर लगाई रोक, थाईलैंड आम नागरिकों को दे रहा प्रशिक्षण
कंबोडिया ने थाईलैंड से फल, सब्जियां, ईंधन और गैस का आयात रोक दिया है. इसके अलावा, थाई फिल्मों और टीवी शो पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और कुछ अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट और बिजली आपूर्ति लिंक भी बंद कर दिए गए हैं. थाईलैंड से सैन्य विवाद बढ़ता देख कंबोडिया ने इसी महीने अपने हर नागरिक को सैन्य प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया है. थाईलैंड के साथ ताजा विवाद के बाद नागरिकों को सैन्य ट्रेनिंग लेनी होगी ताकि जरूरत पड़ने पर लोग देश की रक्षा कर सकें.
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