बॉर्डर पर बांग्लादेश की नापाक कोशिश, भारतीयों पर बेघर होने का मंडराया खतरा, जानें क्या है विवाद

बॉर्डर पर बांग्लादेश की नापाक कोशिश, भारतीयों पर बेघर होने का मंडराया खतरा, जानें क्या है विवाद


India-Bangladesh Border : भारत-बांग्लादेश के बीच रोज एक नया विवाद बढ़ रहा है. दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अब कांटेदार बाड़ लगाने को लेकर तनाव पैदा हो गया है. भारतीय बार्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कांटेदार बाड़ लगा रही है, जिसके एक बड़े हिस्से का काम पूरा हो चुका है.

वहीं, अब कुछ ही हिस्से की बाड़बंदी शेष है जिसमें मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने विरोध करना शुरू कर दिया है. हाल ही में बांग्लादेश की सीमा सुरक्षा देखने वाली बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) ने भारत की ओर से की जा रही बाड़बंदी में रुकावट डालने की कोशिश की है. बांग्लादेश की इस नापाक कोशिश के कारण सीमा पर आसपास लोगों को बेघर होने का डर सताने लगा है.

अपना आशियाना नहीं बना पा रहे भारतीय

सीमा पर बाड़बंदी में बांग्लादेश द्वारा रुकावट उतपन्न करने के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा के आसपास रहने वाले भारतीय लोग अपना घर नहीं बना पा रहे हैं. पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में कई भारतीयों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें सरकार की तरफ से पक्के घर के निर्माण के लिए आर्थिक सहायता दी जा चुकी है, लेकिन बांग्लादेश के विवाद के चलते उनके घर बनाने का सपना टूटता नजर आ रहा है.

सीमा के पास रहने वाले मफीजुल ने बताई परेशानी

ऐसे ही लोगों में एक मफीजुल भी शामिल हैं. मफीजुल ने ‘द टेलीग्राफ’ को बताया कि BSF ने उन्हें घर निर्माण का सामान लाने से रोक दिया है और उन्हें कुछ समय का इंतजार करने को कहा है. मफीजुल ने कहा, “मेरा घर बाड़ के पास है. लेकिन बांग्लादेश की BGB इस वक्त बाड़बंदी में परेशानी खड़ी कर रहा है. अब मुझे डर लग रहा है कि क्या मैं अपना घर बना पाऊंगा.” उन्होंने आगे कहा, “हमें डर है कि अगर बीएफएफ हमें घर बनाने की अनुमति देती भी है तो बीजीबी घर को हटाने के लिए भी कह सकती है.

BGB कर रहा भारत के बाड़बंदी का विरोध

हालांकि, भारत की ओर से सीमा पर बाड़बंदी देशों के पक्षों के बीच समझौते के आधार पर ही हो रही है. लेकिन पिछले कुछ समय से बीजीबी ने कई बार इसका विरोध किया है. बाड़ लगाने का काम अप्रैल 2024 में शुरू हुआ था, जिसे जुलाई में मॉनसून के कारण रोका गया था. इसी बीच शेख हसीना की सरकार के गिर गई और मोहम्मद यूनुस की सत्ता आ गई. फिर जब नवंबर में काम दोबारा शुरू हुआ तो बीजीबी ने भी विरोध करना शुरू कर दिया.

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