ब्राजील नवंबर 2025 में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP30) की मेजबानी करेगा. ब्राजील इस सम्मेलन का आयोजन अमेजन के किनारे बसे एक बहुत ही गरीब शहर बेलेम में कर रहा है ताकि वह दिखा सके कि दुनिया को क्या करने की जरूरत है. COP30 में दुनियाभर के नेता, राजनयिक, वैज्ञानिक और कार्यकर्ता गरीबी, वनों की कटाई सहित दुनिया की अधिकांश समस्याओं पर चर्चा करेंगे.
‘हम ऐसी दुनिया में हैं जहां बहुत सारी असमानताएं हैं’
संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के मनोनीत अध्यक्ष और ब्राजीली राजनयिक आंद्रे कोरिया डो लागो इसे लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि किसी समस्या से निपटने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है कि उसका सीधे सामना किया जाए. उन्होने कहा कि हम इस सच को नहीं छिपा सकते कि हम ऐसी दुनिया में हैं जहां बहुत सारी असमानताएं हैं और जहां स्थिरता और जलवायु परिवर्तन से लड़ना एक ऐसा मुद्दा है जिस पर लोगों को ज्यादा ध्यान देना होगा.
COP30 के ब्राजील ने क्यों चुना सबसे गरीब शहर?
न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस को दिए इंटव्यू में COP30 के अध्यक्ष ने कहा, “जब लोग बेलेम जाएंगे तो उन्हें एक विकासशील देश और शहर देखने को मिलेगा जहां बुनियादी ढांचे की काफी समस्याएं हैं. इन जगहों पर काफी गरीबी भी है. राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा का मानना है कि यह बहुत जरूरी है कि हम जलवायु परिवर्तन पर बात सभी जंगलों को ध्यान में रखते हुए करें और गरीबी, डेवलपमेंट के बारे में सोचें.”
ब्राज़ील ने कहा कि उसने आवास की व्यवस्था के लिए 6,000 बिस्तरों वाले दो क्रूज जहाजों की व्यवस्था की है. ब्राजील की सरकार के अनुसार वह सभी देशों के लिए आवास सुनिश्चित कर रहा है और एक ऐसी व्यवस्था शुरू कर रहा है जहां 98 गरीब देशों को पहले बुकिंग का विकल्प मिलेगा.
COP30 के अध्यक्ष ने कहा कि इस सम्मेलन में औपचारिक एजेंडे में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा, “जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए गरीब देशों को 1.3 ट्रिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान करने का रोडमैप तैयार करना है. ब्राजील प्रकृति और वनों को लेकर बहुत बात करना चाहता है.”
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