India US Relations: अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक ने भारत-अमेरिका रिश्तों और टैरिफ को लेकर ट्रंप के बात को दोहराया. उन्होंने कहा कि भारत उन देशों में शामिल है, जो अमेरिकी सामानों पर सबसे अधिक टैरिफ लगाता है. लटनिक ने ये भी कहा कि भारत को टैरिफ में कटौती करनी होगी, ताकि अमेरिका भारत के बाजारों में एंट्री कर सके. उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच बराबरी का व्यापार होगा. उन्होंने कहा कि भारत को भी उस मॉडल से बाहर निकलने की जरूरत है, जिसका वह फॉलो कर रहा है.
‘भारत अपने बाजार में अमेरिका को घुसने दे’
इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में हॉवर्ड लटनिक ने कहा, “हम सिर्फ भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय बातचीत पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं.” उन्होंने साफ किया कि सिर्फ बॉर्बन व्हिस्की और हार्ले डेविडसन बाइक पर टैरिफ कम करने से काम नहीं चलेगा, बल्कि भारत को बड़े पैमाने पर टैरिफ कम करने पर सोचना होगा. लटनिक ने सुझाव दिया कि भारत को कृषि जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को लेकर अपना बाजार खोलना होगा. भारत अपने बाजार में अमेरिका को घुसने दे. उन्होंने स्मार्ट तरीके से बिजनेस करने की बात कही, जिससे छोटे किसानों को फायदा मिले.
‘अमेरिका ने अपनी नीति में किया बदलाव’
हॉवर्ड लटनिक ने प्रस्ताव दिया कि दोनों देशों के हितों को संतुलित करने के लिए एक सीमा तक टैरिफ लगाने को लेकर समझौता किया जा सकता है. उन्होंने कहा, “भारत शुरू से ही अमेरिका के सामानों पर टैरिफ लगाता रहा है, जबकि अमेरिका पहले टैरिफ नहीं लगाता था. अब ट्रंप रेसिप्रोकल टैरिफ लगाकर अपनी नीति में बदलाव कर रहे हैं. अमेरिकी के साथ अब जो देश जैसा व्यवहार करेगा, हम भी उसके साथ वैसे ही रहेंगे.”
2 अप्रैल से लागू होगा रेसिप्रोकल टैरिफ
डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (5 मार्च 2025) को दोहराया कि अमेरिका से ज्यादा टैक्स वसूलने वाले सभी देशों पर 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू हो जाएंगे. पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई बैठक के बाद, दोनों देशों ने टैरिफ विवादों को हल करने और 2025 तक व्यापार समझौते के पहले चरण पर काम करने पर सहमति व्यक्त की. इसमें 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार में 500 बिलियन डॉलर हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है.
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