भारत की बनाई मिसाइलें, फाइटर जेट देख डरे पाकिस्तानी एक्सपर्ट! बोले- ‘ऐसे तो हम…’

भारत की बनाई मिसाइलें, फाइटर जेट देख डरे पाकिस्तानी एक्सपर्ट! बोले- ‘ऐसे तो हम…’


Qamar Cheema’s reaction on India’s defense production: ‘मेक इन इंडिया’ पहल शुरू होने के बाद भारत का रक्षा उत्पादन असाधारण रूप से बढ़ा है. वित्त वर्ष 2023-24 में यह रिकॉर्ड 1.27 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. रक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, अब 65% रक्षा उपकरण भारत में ही बनाए जा रहे हैं, जो पहले 65-70% आयात पर निर्भरता से बड़ी उपलब्धि है.

रूसी सेना अब ‘मेड इन बिहार’ जूते इस्तेमाल कर रही है. ये जूते बिहार में बनाए जा रहे हैं और भारत के बेहतरीन विनिर्माण मानकों को दर्शाते हैं. भारत अब बुलेटप्रूफ जैकेट, डोर्नियर (DO-228) विमान, चेतक हेलीकॉप्टर, तेज इंटरसेप्टर नौकाएं और हल्के टॉरपीडो जैसे रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है. पाक एक्सपर्ट कमर चीमा ने पाकिस्तान को भारत से सीखने के लिए कहा है.

‘आगे बढ़ रहा है भारत’

पाक एक्सपर्ट कमर चीमा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘फैक्ट शीट में कहा गया कि पहले भारत रक्षा उपकरणों के लिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर था, लेकिन अब स्वदेशी निर्माण में तेजी से आगे बढ़ रहा है. अब भारत अपनी सैन्य शक्ति को खुद विकसित कर रहा है. यह बदलाव आत्मनिर्भर भारत की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इससे भारत अपनी सुरक्षा जरूरतें खुद पूरी कर सकेगा और साथ ही एक मजबूत रक्षा उद्योग भी बनाएगा, जो देश की आर्थिक तरक्की में मदद करेगा.’

उन्होंने आगे कहा, ’24 मार्च को जारी फैक्ट शीट में बताया गया कि भारत ने 2029 तक रक्षा उत्पादन को 3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. यह कदम भारत को वैश्विक रक्षा निर्माण का प्रमुख केंद्र बनाने में मदद करेगा. ‘मेक इन इंडिया’ पहल ने इस बढ़ोतरी को संभव बनाया है. इसके तहत कई उन्नत सैन्य उपकरण और हथियार विकसित किए गए हैं, जैसे, धनुष तोप प्रणाली, एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम,अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक , हल्का लड़ाकू विमान तेजस, आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर, आकाश मिसाइल प्रणाली,हथियारों का पता लगाने वाले रडार.भारत ने विध्वंसक जहाज, स्वदेशी विमानवाहक पोत, पनडुब्बियां और अपतटीय गश्ती पोत भी बनाए हैं, जिससे भारतीय नौसेना की क्षमता और ताकत बढ़ी है.’

रक्षा उद्योग में विदेशी निवेश को बढ़ावा

पाक एक्सपर्ट कमर चीमा ने कहा, ‘रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2000 से अब तक रक्षा उद्योग में कुल 5,516.16 करोड़ रुपये का FDI आया है. नीतियों में किए गए बदलावों से निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ी है. नई तकनीकों का विकास हो रहा है. आधुनिक सैन्य उपकरणों का निर्माण तेज हुआ है. रक्षा क्षेत्र में भारत की स्थिति और मजबूत हुई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत अब प्राइवेट सेक्टर को भी रक्षा के क्षेत्र में ला रहा है.

‘पाकिस्तान को सीखने की जरूरत’

उन्होंने कहा कि  भारत अपने स्वदेशी रक्षा उपकरणों के जरिए एक प्रतिष्ठा (प्रेस्टीज) बनाना चाहता है. यह सिर्फ पैसे कमाने तक सीमित नहीं है बल्कि भारत चाहता है कि दुनिया उसे एक मजबूत रक्षा निर्माता के रूप में पहचाने. भारत ने 2029 तक 34-35 बिलियन डॉलर से ज्यादा की कमाई का लक्ष्य रखा है. भारत रक्षा उपकरणों के निर्माण और निर्यात में तेजी से आगे बढ़ रहा है. पाकिस्तान भी रक्षा उपकरणों का निर्यात करता है, लेकिन उसकी क्षमता सीमित है. सबसे बड़ी समस्या यह है कि पाकिस्तान में निजी क्षेत्र (प्राइवेट सेक्टर) को बढ़ावा नहीं दिया जाता. जब तक पाकिस्तान निजी कंपनियों को आगे नहीं लाएगा, वह भारत से मुकाबला नहीं कर पाएगा.



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