Army Chief Upendra Dwivedi: सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी भूटान की चार दिवसीय यात्रा पर हैं. जनरल द्विवेदी का यह दौरा कई मायनों में खास होने वाला है. रणनीतिक रूप से अहम स्थान पर स्थित डोकलाम के आसपास बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के चीन के प्रयासों की पृष्ठभूमि में सेना प्रमुख द्विवेदी पड़ोसी मुल्क गए हैं. उनके इस दौरे से भारत और भूटान के बीच अच्छे सैन्य संबंधों के साथ दोनों देशों के बीच रिश्ते और ज्यादा मजबूत हो सकते हैं. यह चीन की टेंशन बढ़ा सकता है.
अधिकारियों ने बताया कि भूटान की राजधानी थिम्पू में जनरल द्विवेदी राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात करेंगे और भूटान के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बट्टू शेरिंग के साथ बातचीत करेंगे. सेना प्रमुख की 30 जून से तीन जुलाई तक की भूटान यात्रा बदलते क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य के बीच हो रही है. इसी के साथ वह पाकिस्तानी क्षेत्रों में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सात सप्ताह बाद पड़ोसी देश गए हैं.
डोकलाम के साथ-साथ चीन की गतिविधियों की चर्चा भी हो सकती है गर्म
भारतीय सेना ने कहा, ‘‘इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच स्थायी द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत करना है.’’ उसने कहा कि यह अपने पड़ोसी के प्रति भारत की कटिबद्धता को दर्शाता है. उम्मीद है कि जनरल द्विवेदी की भूटानी वार्ताकारों के साथ होने वाली वार्ता में डोकलाम पठार की स्थिति के साथ-साथ क्षेत्र में चीनी गतिविधियां जैसे विषय छाए रहेंगे.
साल 2017 में ‘डोकलाम ट्राई-जंक्शन’ में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच 73 दिनों तक चले गतिरोध की पृष्ठभूमि में पिछले कुछ वर्षों में भारत और भूटान के बीच रणनीतिक संबंधों में खासी मजबूती आई है. डोकलाम पठार भारत के सामरिक हित के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है. साल 2017 में ‘डोकलाम ट्राई-जंक्शन’ पर गतिरोध तब शुरू हुआ जब चीन ने उस क्षेत्र में सड़क बनाने की कोशिश की, जिसे भूटान अपना क्षेत्र होने का दावा करता है.
इनपुट – पीटीआई