Trump Tariff: भारत और अमेरिका के बीच अगर कम टैरिफ रेट पर ट्रेड डील नहीं होती है, तो इससे भारत वियतनाम के आगे 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का एक्सपोर्ट हार जाएगा. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है. 2023 में भारत ने अमेरिका को लगभग 76 बिलियन अमेरिकी डॉलर का सामान भेजा, जबकि वियतनाम ने केवल 5.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ही एक्सपोर्ट किया. इससे ये तो साफ है कि दोनों देशों में सीधे तौर पर कोई मुकाबला नहीं है.
अमेरिका में भारत और वियतनाम का कारोबार
भारत और वियतनाम दोनों ही अमेरिका में 161 तरह के एक जैसे प्रोडक्ट्स भेजते हैं. इनकी कीमत 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है. हालांकि, भारत का एक्सपोर्ट वियतनाम के मुकाबले ज्यादा है. अमेरिका में भेजे जाने वाले इन प्रोडक्ट्स का कारोबार 22 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है. इसमें वियतनाम की हिस्सेदारी 5.4 बिलियन डॉलर की है यानी कि व्यापार में वियतनाम भारत को वास्तविक रूप में 5.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक की ही चुनौती दे सकता है.
झींगे पर मंडरा रहा खतरा
दोनों देश अमेरिका को बड़ी मात्रा में लगभग एक समान कीमत पर सामान बेचते हैं. ऐसे में भारत को होने वाला संभावित नुकसान 353 मिलियन डॉलर है. सबसे बड़ा जोखिम झींगे पर मंडरा रहा है. 2023 में, भारत ने अमेरिका को लगभग 1.81 बिलियन अमेरिकी डॉलर के झींगे बेचे. वहीं, वियतनाम ने जबकि वियतनाम ने 290 मिलियन अमेरिकी डॉलर के झींगे बेचे.
इस बीच, अगर अमेरिका भारत के मुकाबले वियतनाम को बेहतर टैरिफ रेट देता है, तो भारत का झींगा निर्यात तेजी से घटकर केवल 224 मिलियन अमेरिकी डॉलर पर आ सकता है. यानी कि अकेले इस कैटेगरी में भारत को 1.6 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है.
कई और भी प्रोडक्ट्स पर इसका असर दिख सकता है जैसे कि किचन और बाथरूम में इस्तेमाल होने वाले लिनेन प्रोडक्ट्स. ज्वेलरी की कैटेगरी में 231 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक नुकसान हो सकता है. इन सारे ही कैटेगरी में वियतनाम और भारत अमेरिका को एक समान सर्विस देता है.
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