अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर भारी टैरिफ लगाने का आरोप लगाया है. उन्हें आपत्ति है कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदता है. साथ ही उन्होंने यूक्रेन में चल रही मानवीय त्रासदी के प्रति उदासीन रहने का भी भारत पर आरोप लगाया है. इस बीच रूस ने अमेरिकी प्रशासन पर वॉशिंगटन के प्रभुत्व को बनाए रखने के लिए ग्लोबल साउथ देशों के खिलाफ नव-उपनिवेशवादी नीति अपनाने का आरोप लगाया. रूस ने यह भी कहा कि ब्रिक्स देशों का उसे समर्थन है.
डोनाल्ड ट्रंप की ओर से दर्जनों देशों पर नए शुल्क लगाने की घोषणा के कुछ दिनों बाद रूस की तरफ से यह टिप्पणी की गई. प्रतिबंधों को पूरे विश्व को प्रभावित करने वाली आज के ऐतिहासिक दौर की एक अफसोसजनक वास्तविकता बताते हुए रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने सोमवार (4 अगस्त, 2025) को कहा कि अमेरिका उभरती विश्व व्यवस्था में आधिपत्य की हानि को स्वीकार नहीं कर सकता.
उन्होंने वॉशिंगटन पर आरोप लगाया कि वह अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए नव-उपनिवेशवादी नीति का अनुसरण कर रहा है, और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में उसका अनुसरण करने से इनकार करने वालों के विरुद्ध आर्थिक दबाव के राजनीतिक हथकंडे अपना रहा है. ग्लोबल साउथ में रूस के साझेदारों के खिलाफ ट्रंप की शुल्क नीति पर टिप्पणी करते हुए, जखारोवा ने इसे राष्ट्रों की राष्ट्रीय संप्रभुता पर प्रत्यक्ष अतिक्रमण और उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का प्रयास कहा.
उन्होंने कहा कि रूस का मानना है कि टैरिफ वॉर और प्रतिबंध इतिहास के स्वाभाविक क्रम को प्रभावित नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि हमारे पास बड़ी संख्या में साझेदार, समान विचारधारा वाले लोग और सहयोगी हैं जो ग्लोबल साउथ के देशों और सबसे पहले ‘ब्रिक्स’ के बीच इस दृष्टिकोण को साझा करते हैं.
जखारोवा उस समूह का उल्लेख कर रही थीं जिसमें मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे, जिसका 2024 में विस्तार करके इसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया गया और साल 2025 में इंडोनेशिया भी इसमें शामिल हो गया.