ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, DRDO के तहत एक प्रमुख लैबोरेट्री में रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (इंजीनियर्स) इस मशीन को विकसित कर रहे है.

इस रोबोट को विशेष तौर पर एक ऐसे वातावरण में सैनिकों की सुरक्षा के लिए तैयार किया जा रहा है, जहां जोखिम अधिक है.

पुणे में सेंटर फॉर सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज फॉर एडवांस्ड रोबोटिक्स के समूह निदेशक एस.ई.तलोले ने बताया कि चार से इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है और 2027 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है.

एस.ई.तलोले ने कहा कि हमले ऊपरी और निचले भाग के लिए अलग अलग प्रोटोटाइप विकसित किए हैं.

यह ह्यूमनॉइड रोबोट जंगल जैसे कठिन इलाकों में भी काम कर सकता है. हाल ही में पुणे में आयोजित नेशनल वर्कशॉप ऑन एडवांस्ड लेग्ड रोबोटिक्स में इस रोबोट को दिखाया गया था.
Published at : 13 May 2025 10:59 AM (IST)