‘भारत में रहते हैं 22 करोड़ मुसलमान’, PAK के समर्थन में उतरे तुर्किए की ओवैसी ने लगा दी क्लास

‘भारत में रहते हैं 22 करोड़ मुसलमान’, PAK के समर्थन में उतरे तुर्किए की ओवैसी ने लगा दी क्लास


Asaduddin Owaisi on Turkiye: भारत-पाकिस्तान के तनाव के बीच तुर्किए ने खुले तौर पर पाकिस्तान के समर्थन का ऐलान किया. तुर्किए के इस ऐलान के बाद से भारत और तुर्किए के रिश्ते में भी तनाव की स्थिति देखने को मिल रही है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भारत के लोग तुर्किए को ट्रोल कर रहे हैं. इस बीच एआईएमआईएम के चीफ और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए तुर्किए की जमकर आलोचना की है.

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार (17 मई) को पाकिस्तान को समर्थन करने के लिए तुर्किए की आलोचना करते हुए कहा कि तुर्किए को अपने फैसले पर एक बार विचार कर लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के मुकाबले भारत में अधिक मुस्लिम जनसंख्या है.

ओवैसी ने तुर्किए को पाकिस्तान को भारत के खिलाफ आंख बंद करके समर्थन देने को लेकर चेतावनी दी और उन्होंने कहा, “कोई भी निर्णय लेने से पहले अकांरा को भारत और तुर्किए के बीच के ऐतिहासिक संबंधों पर भी विचार करे.” उन्होंने कहा, “हमें तुर्किए को यह भी याद दिलाना चाहिए कि वहां एक बैंक है, जिसका नाम इसबैंक है और उस बैंक के शुरुआती जमाकर्ताओं में हैदराबाद और रामपुर जौरी भारतीय रिसायतों के लोग जमाकर्ता रहे हैं. भारत और तुर्किए के बीच कई ऐतिहासिक संबंध भी रहे हैं.” 

भारत में पाकिस्तान से ज्यादा मुसलमान- ओवैसी

इस दौरान ओवैसी ने कहा, “तुर्किए को यह पता होना चाहिए कि भारत देश में पाकिस्तान के मुकाबले अधिक संख्या में मुसलमान रहते हैं, जिनकी संख्या 220 मिलियन यानी 22 करोड़ हैं और वे यहां पूरे सम्मान के साथ रहते हैं” उन्होंने अंकारा को याद दिलाते हुए कहा कि तुर्किए के हाजियों ने कभी लद्दाख के रास्ते मुंबई जाकर हज किया था.” उन्होंने कहा, “पाकिस्तान अपने आपको एक मुस्लिम देश के तौर पर प्रस्तुत करता है जबकि पाकिस्तान का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है.”

आपदा के समय भारत ने तुर्किए के लिए बढ़ाए थे मदद के हाथ

पाकिस्तान का समर्थन करने के बाद सोशल मीडिया पर तुर्किए को काफी ट्रोल किया जा रहा है. ओवैसी ने 2023 में तुर्किए में आए भूकंप के दौरान भारत के मानवीय सहायता की भी याद दिलाई, लेकिन उन्होंने कहा कि इसके बदले में तुर्किए की ओर से सद्भावना की कोई झलक देखने को नहीं मिली. हालांकि, अभी तक भारत सरकार की ओर से भी इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.



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