भारत से पंगा लेने वाले पाक की लंगी लंका, शाहबाज सरकार ने बताया कंगाल इकोनॉमी का कैसा रहेगा हाल

भारत से पंगा लेने वाले पाक की लंगी लंका, शाहबाज सरकार ने बताया कंगाल इकोनॉमी का कैसा रहेगा हाल


Pakistan GDP: पाकिस्तान ने पूरी ताकत अपने देश की इकोनॉमी को मजबूत करने की बजाय भारत से तनाव बढ़ाने पर लगाकर रखता है. उसे अपनी जनता की भलाई के लिए जो भी पैसे आईएमएफ या फिर अन्य वैश्विक एजेंसियों से मिलता है, वो उसे भारत के खिलाफ प्रोपगेंडा फैलाने में खर्च करता है. यही वजह है कि पाकिस्तान की माली हालत लाख चाहने के बावजूद भी नहीं सुधर रही है. इस बात की तस्दीक खुद वहां की सरकार कर रही है.

वहां की मौजूदा शाहबाज सरकार ने माना है कि पाकिस्तान की जीडीपी वृद्धि का जो लक्ष्य 3.6 प्रतिशत रखा गया था, अब वो जून 2025 में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में घटकर 2.7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है. हालांकि, पिछले साल ये वृद्धि दर 2.5 प्रतिशत थी.

उम्मीद से कम रहेगी जीडीपी

पाकिस्तान सरकार की तरफ से ये जानकारी वहां के संघीय बजट से एक दिन पहले सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण में दी गई है. वहां की सरकार की तरफ से जीडीपी वृद्धि का लक्ष्य 3.6 प्रतिशत रखा गया था, जो पिछले महीने घटाकर 2.7 प्रतिशत कर दिया. आईएमएफ की ओर से वित्त वर्ष 2025 के लिए जीडीपी वृद्धि की रफ्तार 2.6 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2026 के लिए 3.6 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया था.

कदम उठाने का नहीं फायदा

पाकिस्तान सरकार की तरफ से अपनी खस्ताहाल इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. पाकिस्तान के केन्द्रीय बैंक ने इकोनॉमिक रफ्तार को बढ़ाने के लिए चालू वित्त वर्ष में नीतिगत ब्याज दर में 100 बेसिस प्वाइंट से ज्यादा की कटौती की थी. हाल में कटौती के बाद ये 11 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो पहले 22 प्रतिशत तक पर आ गई थी.

गौरतलब है कि पाकिस्तान लगातार अपने रक्षा खर्च में तेजी के साथ इजाफे कर रहा है. एक तरफ जहां वहां पर गरीबी की दर काफी बढ़ चुकी है, तो वहीं दूसरी तरफ पिछले दिनों आयी रिपोर्ट में बताया गया कि पाकिस्तान में करीब एक करोड़ से ज्यादा आबादी गरीबी रेखा के नीचे इस साल पहुंच सकती है.

ऐसे में कंगाली की दौर गुजर रहे पाकिस्तान को जहां पूरी ताकत अपनी डूबती इकोनॉमी पर लगाना चाहिए, लेकिन ऐसा न करके वह भारत के खिलाफ साजिशों में लगा रहता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की तरफ से ये बताया गया है कि उसका कुल कर्ज 31 मार्च 2025 तक 76,007 बिलियन पाकिस्तान रुपये यानी 76 ट्रिलियन तक पहुंच जाएगा. ये इतिहास में अब तक का सबसे ज्यादा कर्ज है. पाकिस्तान का ये कर्ज पिछले करीब चार साल में दोगुना हो चुका है.

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