सोशल मीडिया पर इन दिनों अफ्रीकी देश बुर्किना फासो के राष्ट्रपति इब्राहिम ट्राओरे का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में उन्हें भारत के साथ 14 अरब डॉलर की डील की घोषणा करते और अमेरिका और पश्चिमी देशों, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए दिखाया गया है.
इस वीडियो पर अब तक हजारों लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. हालांकि जांच में पता चला है कि यह वीडियो असली नहीं है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से तैयार किया गया डीपफेक है. क्लिप में राष्ट्रपति इब्राहिम को यह कहते सुना जा सकता है, “जब भारत ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए तो दुनिया हैरान रह गई, लेकिन हम नहीं. हमने इस दिन के लिए तैयारी की थी.”
क्लिप में आगे कहा गया, “पश्चिमी देश और अमेरिका कॉन्ट्रैक्ट के नाम पर जंजीरें लेकर आए. वे टैक्स लगाकर हमारा अनाज सस्ते में चाहते थे. ये साझेदारी नहीं बल्कि शोषण था.” वीडियो में आगे भारत की तारीफ करते हुए कहा गया कि भारत ने बुर्किना फासो को नकद राशि के साथ तकनीक, सिंचाई और भंडारण सुविधाएं देने का वादा किया और उनकी संप्रभुता का सम्मान किया.
वीडियो की हकीकत क्या है?
जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, कई यूजर्स ने इसे डीपफेक बताया. बाद में प्लेटफॉर्म पर इस पोस्ट के साथ एक कम्युनिटी नोट जोड़ा गया, जिसमें साफ लिखा गया, “यह वीडियो पूरी तरह झूठा और भ्रामक है. इसके दावे मनगढ़ंत हैं. इसे एक कंटेंट क्रिएटर ने केवल मनोरंजन के लिए बनाया है.”
99.99 % of people who have RTed this FAKE & AI-generated video will fail to point out where Burkin Faso is on the Africa map 🤣 ! https://t.co/uoBbCBZg9p
— Kumar Manish (@kumarmanish9) September 7, 2025
AI से क्यों बढ़ रहा है खतरा?
AI और डीपफेक टेक्नोलॉजी के चलते अब किसी भी नेता, सेलिब्रिटी या आम इंसान का नकली वीडियो बनाना बेहद आसान हो गया है. ऐसे वीडियो देखने वालों को असली लग सकते हैं और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हो जाते हैं.
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