Amit Shah on Manipur: नई दिल्ली में स्टूडेंट्स एक्सपीरियंस इन इंटर-स्टेट लिविंग (एसईआईएल) की ओर से आयोजित युवा संसद कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के मुद्दे पर बयान दिया. अमित शाह ने कहा कि बीते 10 साल में मणिपुर की हिंसा को छोड़कर पूरा उत्तर-पूर्व शांति का अनुभव कर रहा है.
गृहमंत्री अमित शाह ने कुछ आंकड़े बताते हुए कहा कि 2004 से 2014 के दौरान कुल 11 हजार हिंसा की घटनाएं हुई थी. 2014 से 2024 के दौरान 3428 घटनाएं हुई, यानी कि हिंसा की घटनाओं में 70 फीसदी की कमी आई. सुरक्षाबलों के जवानों की मृत्यु में भी 70 फीसदी की कमी आई और नागरिकों की मृत्यु में भी 89 फीसदी की कमी आई है.
10500 लोग मेनस्ट्रीम में आए
अमित शाह ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश मेघालय, असम, नागालैंड या मिजोरम में सभी हथियारी समूहों के साथ सरकार ने समझौते किए और 10.500 से ज्यादा विद्रोही हथियार डालकर मेनस्ट्रीम में आए हैं. भाजपा सरकार ने 10 साल में 12 महत्वपूर्ण समझौते किए.
12 समझौते
- 2019 में NLMD समझौता
- 2020 ब्रू रियांग समझौता
- 2020 में बोडो समझौता
- 2021 में कार्बी समझौता
- 2022 में ट्राइबल आदिवासी समझौता
- 2022 में असम मेघालय सीमा समझौता
- 2022 में असम अरुणाचल अंतरराज्यीय समझौता
- 2023 में DNLA शांति समझौता
- 2023 में UNLF शांति समझौता
- 2023 उल्फा समझौता
- 2024 में टिपरा समझौता
- 2024 में NLFD AFD समझौता
उत्तर पूर्व में शांति का वातावरण
अमित शाह ने कहा, “कल्पना की जा सकती है कि उत्तर पूर्व के 10.500 लोग, जो ऑटोमेटिक विदेशी हथियार लेकर घूमते हैं और हर राज्य के विकास को बाधित करते थे. उन राज्यों का विकास कैसे हो सकता है. मोदी सरकार ने एक भारत में श्रेष्ठ भारत के तहत उत्तर पूर्व की भाषा, बोलियां, संस्कृति, वेशभूषा, परंपरागत नृत्य, कलाओं को सम्मानित भी किया और सुरक्षित भी किया. इसी के साथ-साथ 10.500 लोगों को सरेंडर करवा कर मेनस्ट्रीम में लाकर उत्तर पूर्व में शांति का वातावरण बनाया.
‘जहां आतंकवाद होता है, वहां विकास नहीं होता’
अमित शाह ने कहा कि जिस राज्य में शांति नहीं होती है, उस राज्य में विकास नहीं होता है. एक समय आतंकवाद और उग्रवाद को खडा किया गया था. उतर पूर्व को बांट कर रख दिया गया था. उत्तर-पूर्व के विकास में आतंकवाद और अलगाववाद बाधक था, लेकिन जब-जब बीजेपी सरकार आई उत्तर-पूर्व का विकास हुआ है.