Khawaja Asif On Mahmud Ghaznavi: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक ऐसा बयान दे दिया है जिससे अफगानिस्तान के साथ पड़ोसी मुल्क के रिश्ते खराब हो सकते हैं. उनके इस बयान पर अफगानिस्तान ने आपत्ति भी जताई है. ख्वाजा आसिफ ने महमूद गजनबी को एक लुटेरा करार दिया, जबकि पाकिस्तान में उसे हीरो बताया जाता है.
उन्होंने एक पाकिस्तानी टीवी चैनल से बातचीत में कहा, “गजनबी साम्राज्य के शासक रहे महमूद गजनबी को जिस तरह से दिखाया जाता रहा है, वो ठीक नहीं है. वो एक डाकू-लुटेरे की तरह था, यहां आता था और लूटमार करके चला जाता था. पाकिस्तान में उसे हमलावार बताने के बजाए नायक की तरह चित्रित किया जाता है, जो मैं नहीं मानता. मैं उसे हीरो नहीं मानता.”
मुसलमानों के नायक के तौर पर किया गया प्रस्तुत
ख्वाजा आसिफ का ये बयान ज्यादा खास इसलिए हो जाता है क्योंकि पाकिस्तान के इतिहास और स्कूलों में उसे एक नायक के तौर पर प्रस्तुत किया गया. उसे मुसलमानों का मसीहा और हीरो की तरह बताने की कोशिश होती रही. यहां तक की पाकिस्तानी हथियारों पर भी गजनवी लिखा होता है.
“Mahmud Ghaznavi was a bandit, he used to come here to loot and went back after looting. We paint him as a hero, but I don’t consider him a hero.”
—Khawaja Asif, Def. Minister of Pakistan. pic.twitter.com/SCTptilVuV
— P.⚡️ (@TweetsOfPR) December 18, 2024
अफगानिस्तान ने दर्ज कराया विरोध
उधर अफगानिस्तान ने अपना विरोध दर्ज कराया है. उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “पाकिस्तानी मिसाइलों के नाम ज़्यादातर हमारे प्रांतों या ऐतिहासिक हस्तियों जैसे घोरी, ग़ज़नवी, अब्दाली आदि के नाम पर रखे गए हैं. 1987 से शामिल की गई ग़ज़नवी मिसाइल प्रणाली कथित तौर पर उनके शस्त्रागार में मौजूद सबसे बेहतरीन मिसाइल है. अब, एक अजीबोगरीब इंटरव्यू में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़ाजा मोहम्मद आसिफ (केएमए) ने ग़ज़नवी साम्राज्य (998-1030 ई.) के सुल्तान महमूद ग़ज़नवी को एक गिरोह का नेता और एक महाचोर बताते हुए अभद्र और असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया है.”
A reponse to vulagarism of a minister.
The Pakistani missiles are mostly named after our provinces or historical figures like Ghori, Ghaznavi, Abdali and so on. The Ghaznavi missile system inducted since 1987 is reportedly the best of what they have in their aresnal. Now,…
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) December 19, 2024
उन्होंने आगे कहा, “उनकी असभ्य भाषा पाकिस्तान में पहचान के संकट, ऐतिहासिक हीनता की भावना और ऐतिहासिक शून्यता को दर्शाती है. यह समझ में आता है. मंत्री केएमए को अपनी मिसाइल प्रणालियों से ग़ज़नवी नाम हटा देना चाहिए और इस शब्द पर अफ़गानिस्तान के बौद्धिक और संपत्ति अधिकारों का सम्मान करना चाहिए. उन्हें इन मिसाइलों को नए नाम देने चाहिए. सवाल यह है कि क्या उन्हें अपनी डिक्शनरी में कुछ भी गैर-भारतीय मिल सकता है? मुझे लगता है नहीं. 1947 के बाद से पाकिस्तान के पास गर्व करने लायक कुछ भी नहीं है.
अफगानिस्तान के मंत्री ने आगे कहा, “वे अपनी मिसाइलों का नाम जनरल अयूब खान या जनरल रानी (अख्तर कलीम) रख सकते हैं, जो उस समय उनकी सबसे करीबी विश्वासपात्र और सलाहकार थीं. जिन्ना लंबे समय तक जीवित नहीं रहे और उन्होंने उस राज्य की कार्यप्रणाली को देखा, जिसके निर्माण के लिए उन्हें फुसफुसाया गया था और जिसकी मदद की गई थी. इस प्रकार राज्य निर्माण का श्रेय जनरल अयूब खान और उनके साथियों को जाता है.”
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