महाकुंभ में इटली से आईं 20 महिलाएं, स्नान के बाद लगाए ‘हर-हर महादेव’ के नारे

महाकुंभ में इटली से आईं 20 महिलाएं, स्नान के बाद लगाए ‘हर-हर महादेव’ के नारे


Kumbh Mela 2025: महाकुंभ 2025 का आगाज हो चुका है और इस पवित्र आयोजन में देश-विदेश से श्रद्धालु संगम में आकर पवित्र डुबकी लगा रहे हैं. इस बार महाकुंभ में विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या भी काफी ज्यादा देखने को मिल रही है. विशेष रूप से इटली से 20 महिला श्रद्धालुओं का समूह भारतीय गुरु के मार्गदर्शन में प्रयागराज पहुंचा है. इन महिला श्रद्धालुओं ने गंगा किनारे वैदिक श्लोकों का उच्चारण किया और “हर हर महादेव” के नारे लगाए. उनके इस आध्यात्मिक उत्साह ने पूरे महाकुंभ को और भी आकर्षक बना दिया है.

महाकुंभ में आए इटली के महिला श्रद्धालुओं का कहना है कि वे भारत में अपनी आध्यात्मिक यात्रा को विशेष मानते हैं. एक महिला श्रद्धालु ने बताया “भारत ने हमें एक अमूल्य उपहार दिया है जो है इसकी संस्कृति. हम इसे दुनिया भर में फैलाने का काम कर रहे हैं. हमारे गुरु हमें न केवल शांति और खुशी प्रदान करते हैं बल्कि हमारी आध्यात्मिक यात्रा को और भी गहरा बनाते हैं. उनकी ओर से दी गई शिक्षाएं न सिर्फ इटली बल्कि पूरी दुनिया में लोगों के जीवन में बदलाव ला रही हैं. हम यहां अपने गुरु से मिली प्रेरणा को और ज्यादा महसूस करने के लिए आए हैं.”

इटली से आई श्रद्धालु ने महाकुंभ के लिए क्या कहा? 

इटली से आई एक अन्य महिला श्रद्धालु ने महाकुंभ का अनुभव शेयर करते हुए कहा “ये आयोजन बिल्कुल अद्भुत है. गंगा और यमुना के संगम पर इस पवित्र जल में स्नान करना एक विशेष अनुभव है. यहां का माहौल जादुई है. भारत में इतने विशाल धार्मिक आयोजन का हिस्सा बनकर बहुत ही गर्व महसूस हो रहा है. साथ उन्होंने ये भी कहा कि इटली में ऐसा कुछ भी नहीं होता है जहां इतने लोग एक साथ जुटकर पूजा और भक्ति में शामिल हों.”

भारतीय संस्कृति को महसूस किया

महाकुंभ के इस आयोजन में इटली से आई एमनुएला नामक श्रद्धालु ने भी अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा “ये आयोजन दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है. यहां की भीड़ और साफ-सफाई देख मैं बहुत प्रभावित हूं. भारत में इतने बड़े आयोजन में सब कुछ व्यवस्थित और शांतिपूर्ण तरीके से होता है और यहां के लोग भी बहुत अच्छे होते हैं. ये एक अद्वितीय अनुभव है जिसे मैं हमेशा याद रखूंगी.”

महाकुंभ 2025 ने न केवल भारतीय श्रद्धालुओं को इकट्ठा किया है बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में लोग यहां अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर आए हैं. ये विदेशी श्रद्धालु भारत की भूमि और इसके धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व को महसूस करने के लिए आए हैं. इस बड़े आयोजन ने भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर रखा है और ये संदेश दिया है कि भारत में आध्यात्मिकता और धार्मिकता की एक अनमोल धरोहर है. ऐसे में विदेशी श्रद्धालुओं का उत्साह ये दिखाता है कि भारत की आध्यात्मिक शक्तियों और संस्कृति के प्रति दुनिया भर में सम्मान और आकर्षण है.

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