महिला क्रिकेट में ‘मर्दों’ की नो-एंट्री, सुप्रीम कोर्ट ने सुना दिया गजब फैसला

महिला क्रिकेट में ‘मर्दों’ की नो-एंट्री, सुप्रीम कोर्ट ने सुना दिया गजब फैसला


ECB Ban Transgender Women From Female Cricket: अभी पिछले साल की ही बात है, जब पेरिस ओलंपिक्स 2024 में इमेन खलीफ को लेकर जमकर विवाद हुआ था. आरोप लगाए गए थे कि टेस्टोस्टेरोन लेवल अधिक होने के बावजूद उन्होंने महिला बॉक्सिंग इवेंट में भाग लिया था. अब इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने महिला क्रिकेट टीम में ट्रांसजेंडर महिलाओं की एंट्री पर पूरी तरह रोक लगा दी है. ईसीबी ने साफतौर पर कहा है कि जो खिलाड़ी बायोलॉजिकल रूप से महिला हैं, उन्हें ही टीम का हिस्सा बनाया जाएगा.

ECB ने यह भी कहा कि ट्रांसवुमन और महिलाएं ओपन और मिक्स्ड कैटेगरी में एकसाथ खेल सकती हैं. इंग्लैंड के मीडिया चैनल BBC अनुसार यूके के सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि महिला होने की परिभाषा जैविक लिंग पर आधारित है. इसी फैसले के बाद नियमों में परिवर्तन लाया गया है. बता दें कि इस मामले में जजों ने 88 पेज का फैसला सुनाया है. शुक्रवार को हुई बोर्ड मीटिंग में भी इस फैसले पर सहमति जताई गई.

इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के फुटबॉल संघों ने गुरुवार को ही नई पॉलिसी लागू कर दी थी, जिसके तहत ट्रांस वुमन को महिला फुटबॉल टीम में खेलने की अनुमति नहीं होगी. 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने 2010 के समानता अधिनियम के तहत यह फैसला सुनाया है.

पहले यह था नियम

इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने इससे पहले टॉप-2 लेवल टायर क्रिकेट में ट्रांसवुमन को खेलने से प्रतिबंधित कर दिया था. इस साल द हंड्रेड लीग में भी ट्रांसवुमन को महिला क्रिकेट में खेलते देखा जा रहा था, लेकिन अब नए नियम के तहत ट्रांसवुमन पर किसी भी लेवल पर महिला क्रिकेट में खेलने से प्रतिबंधित कर दिया गया है. हालांकि ओपन और मिक्स्ड कैटेगरी में महिला और ट्रांसवुमन खिलाड़ी एकसाथ खेल पाएंगे.

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