Amit Shah Raipur Visit: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार (22 जून 2025) को कहा कि नक्सलियों के खिलाफ बारिश में भी अभियान चलेगा और उन्हें सोने नहीं दिया जाएगा उन्होंने माओवादियों से किसी भी तरह की बातचीत से इनकार करते हुए उनसे हथियार डालने और विकास की यात्रा में शामिल होने का अनुरोध किया.
गृह मंत्री छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर अटल नगर में राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) परिसर और केंद्रीय न्यायालयिक प्रयोगशाला की आधारशिला रखने के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
मानसून के दौरान भी सोने नहीं देंगे- अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ”हर बार बारिश के मौसम में नक्सली थोड़ा आराम करते थे (क्योंकि घने जंगल के अंदर उफनती नदियां और नाले नक्सल विरोधी अभियानों में बाधा डालते हैं), लेकिन इस बार, हम उन्हें मानसून के दौरान सोने नहीं देंगे और हम 31 मार्च के लक्ष्य को हासिल करने के लिए और आगे बढ़ेंगे.” उन्होंने कहा कि वह नक्सलवाद की राह पर चले गए भटके युवाओं से हथियार छोड़ने की अपील करना चाहते हैं.
‘सरकार पर भरोसा कीजिए, हथियार डाल दीजिए’
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ”विष्णु देव साय ने बहुत ही आकर्षक आत्मसमर्पण नीति बनाई है, हथियार डाल दीजिए और नए छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में शामिल हो जाइए. आत्मसमर्पण करने का इससे बेहतर मौका आपको कभी नहीं मिलेगा. किसी बातचीत की जरूरत नहीं है, सरकार पर भरोसा कीजिए, हथियार डाल दीजिए और मुख्यधारा में शामिल हो जाइए और आप अपने आप छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में शामिल हो जाएंगे.”
उन्होंने कहा, ”जिन लोगों ने हथियार डाले हैं उनका भी मैं सामाजिक जीवन में वापस आने पर स्वागत करता हूं और विश्वास दिलाता हूं कि छत्तीसगढ़ की सरकार और केंद्र की सरकार ने जो वादा आपके साथ किया है, उस वादे को हम पूरा करेंगे और उससे अधिक भी आपकी सहायता करने का प्रयास करेंगे.”
तीन नए कानूनों का किया जिक्र
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि तीन नए कानूनों- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के पूर्ण कार्यान्वयन के बाद, भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक आपराधिक न्याय प्रणाली बन जाएगी और देश अधिक साक्ष्य-आधारित आपराधिक न्याय के युग में प्रवेश करेगा.
उन्होंने कहा, ”तीनों आपराधिक कानूनों के पूर्ण कार्यान्वयन के बाद, हमारे देश के किसी भी कोने में दर्ज की गई कोई भी प्राथमिकी शिकायतकर्ता और पीड़ित को तीन साल के भीतर सुप्रीम कोर्ट तक न्याय सुनिश्चित करेगी. न्याय में तीन साल से अधिक की देरी नहीं होगी. हमने इन तीन आपराधिक न्याय कानूनों के माध्यम से एक आधुनिक, त्वरित और वैज्ञानिक न्याय प्रणाली बनाने की दिशा में काम किया है.”
‘2047 तक भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य’
गृृह मंत्री ने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण बहुत स्पष्ट है. 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य सिर्फ नवाचार, बुनियादी ढांचे, औद्योगिक और आर्थिक विकास पर ही केंद्रित नहीं है, बल्कि समय पर न्याय सुनिश्चित करना भी इसमें शामिल है तथा तीन नए कानून समय पर न्याय सुनिश्चित करने में मदद करेंगे.”
उन्होंने कहा, ”एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लैब) की मदद से भारत कुछ ही सालों में दुनिया में सबसे ज्यादा सजा दर वाले देशों में शामिल हो जाएगा. 160 साल पुराने औपनिवेशिक कानून को खत्म करने के बाद लाए गए नए कानूनों में हमने यह अनिवार्य कर दिया है कि सात साल से ज्यादा की सजा वाले सभी अपराधों के लिए फोरेंसिक विज्ञान टीम का घटनास्थल पर जाना अनिवार्य होगा, इससे पता चलता है कि हमारे देश में फोरेंसिक विज्ञान की अपार संभावनाएं हैं.”
गृह मंत्री अमित शाह ने आई-हब छत्तीसगढ़ का उद्घाटन किया
कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने रायपुर के सेजबहार क्षेत्र में एनएफएसयू के ट्रांजिट कैंपस और आई-हब छत्तीसगढ़ का भी उद्घाटन किया. नवा रायपुर में एनएफएसयू कैंपस 145 करोड़ रुपये और सीएफएसएल 123 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा. छत्तीसगढ़ सरकार ने संस्थानों के लिए जमीन दी है. उन्होंने कहा कि एनएफएसयू का पूरा कैंपस अगले तीन साल में विकसित किया जाएगा.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ”छत्तीसगढ़ में अंबिकापुर, बिलासपुर, दुर्ग और जगदलपुर में चार क्षेत्रीय राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाएं हैं. अब सीएफएसएल की भी स्थापना की जाएगी, जिससे हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली को बहुत बड़ी ताकत मिलेगी. अब किसी को दूसरे राज्य में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और फोरेंसिक सैंपल जांच के लिए दिल्ली भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी. पूरी जांच नवा रायपुर अटल नगर में ही हो जाएगी.”