Kerala High Court: केरल हाई कोर्ट के वकीलों ने जस्टिस ए. बदरुद्दीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. वकीलों ने उनके खिलाफ साथी महिला वकील से अपमानजनक व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए माफी की मांग की है. मामले को लेकर नाराज वकील आज गुरुवार (07 मार्च, 2025) को कोर्ट परिसर में इकट्ठे हो गए लेकिन जस्टिस बदरुद्दीन पहुंचे ही नहीं.
दरअसल, बीते दिन गुरुवार (06 मार्च, 2025) को महिला वकील ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि उसे वकालतनामा बदलने के लिए कुछ और समय दिया जाए क्योंकि उनके पति का इसी साल जनवरी में निधन हो गया था. महिला के पति एडवोकेट एलेक्स स्कारिया वकालतनामा दायर करने वाले थे लेकिन उससे पहले ही उनका निधन हो गया.
क्या कहा जस्टिस बदरुद्दीन ने?
वकीलों ने जो प्रस्ताव पास किया है, उसके मुताबिक, जस्टिस बदरुद्दीन ने वकील के अनुरोध पर बेहद अभद्र और असभ्य तरीके से प्रतिक्रिया दी. प्रस्ताव में कहा गया है कि उन्होंने वकील से यह भी पूछा, “एलेक्स स्कारिया कौन है?” वकीलों ने तर्क दिया कि इस तरह का आचरण न केवल पीठ के लिए अनुचित है, बल्कि दिवंगत स्कारिया का भी अनादर करता है, जिसके लिए जस्टिस बदरुद्दीन को माफी मांगनी चाहिए.
वकीलों ने पास किया प्रस्ताव
दिवंगत वकील की पत्नी के साथ जस्टिस की बातचीत के बाद, सीनियर एडवोकेट जॉर्ज पूनथोट्टम और कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले कई अन्य वकीलों ने एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें केरल उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ (केएचसीएए) की तत्काल आम सभा की बैठक बुलाने का आह्वान किया गया. उनके अनुरोध पर केएचसीएए ने आज सुबह 10 बजे एक आपातकालीन सभा बुलाई, जहां वकीलों ने माफी मांगने के लिए जस्टिस बदरुद्दीन की अदालत में सामूहिक रूप से इकट्ठा होने का फैसला किया. हालांकि, ऐसी कोई माफी नहीं मांगी गई.
बार एंड बेंच के मुताबिक, केएचसीएए के अध्यक्ष यशवंत शेनॉय सहित वकीलों ने जस्टिस बदरुद्दीन के इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया कि वे खुली अदालत में नहीं बल्कि अपने कक्ष में माफी मांगेंगे. इसके बाद वकीलों ने जस्टिस बदरुद्दीन की अदालत का बहिष्कार करने का निर्णय लिया. इसके बाद चीफ नितिन जामदार ने आज वकीलों की शिकायतें सुनीं और वीकेंड में जस्टिस बदरुद्दीन से बात करने और इसको लेकर कोई फैसला करने का भरोसा दिया.
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