नाटो सदस्य देश हंगरी को तेल का एक बड़ा भंडार मिला है, जिससे प्रतिदिन लगभग 1000 बैरल तेल का उत्पादन संभव होगा. विशेषज्ञों के मुताबिक, यह खोज यूरोप के लिए अहम है क्योंकि अभी तक ज्यादातर यूरोपीय देश तेल और गैस के लिए अन्य महाद्वीपों पर निर्भर हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद यूरोप का रूसी तेल और गैस आयात भी काफी घट गया है. इस मामले में हंगरी के विदेश मंत्री पीटर सिज्जार्टो पहले ही चेतावनी दे चुके हैं.
गैस कंपनी MOL ने क्या बताया?
हंगरी की तेल और गैस कंपनी MOL ने बताया कि यह भंडार उत्तरी हंगरी के गलगाहेविज शहर के पास 2,400 मीटर गहराई पर मिला है. इस मामले में कंपनी ने कहा है कि यह खोज हंगरी की ऊर्जा आपूर्ति सुरक्षा को मजबूत करेगी और आयात पर निर्भरता कम करने में मदद करेगी.
हंगरी के विदेश मंत्री दे चुके हैं चेतावनी
इसे लेकर हंगरी के विदेश मंत्री पीटर सिज्जार्टो पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि अगर यूक्रेन ने द्रुज्बा पाइपलाइन पर हमला जारी रखा तो यह सीधे हंगरी की ऊर्जा सुरक्षा पर हमला होगा. यही पाइपलाइन हंगरी तक रूसी तेल पहुंचाती है. हालांकि, नाटो का सदस्य होने के बावजूद हंगरी अब भी रूस से तेल खरीद रहा है.
विदेश मंत्री पीटर सिज्जार्टो ने कही ये बड़ी बात
विदेश मंत्री पीटर सिज्जार्टो का कहना है कि हंगरी के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ यूरोपीय देश सार्वजनिक रूप से रूस का विरोध करते हुए भी गुपचुप तरीके से बिचौलियों के जरिए सस्ता रूसी तेल खरीद रहे हैं. हंगरी के अलावा स्लोवाकिया भी अभी रूस से तेल और गैस ले रहा है.
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