महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के करजत इलाके में सिर्फ मुस्लिमों के लिए प्रस्तावित सोसाइटी पर महाराष्ट्र सरकार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने नोटिस जारी किया है. मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो नें सुओ मोटो नोटिस महाराष्ट्र की देवेंद्र सरकार के मुख्य सचिव को जारी किया है. इस प्रस्तावित सोसाइटी पर कुछ स्थानीय संगठनों ने आपत्ति दर्ज की थी.
राष्ट्र के भीतर राष्ट्र के सिद्धांत को दर्शा रहा यह सोसायटी प्रोजेक्ट- प्रियंक
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में प्रियंक कानूनगो ने कहा, ‘महाराष्ट्र के करजत इलाके में सिर्फ मुसलमानों के लिए बस्ती बनाने की शिकायत सह्याद्री राइट्स फोरम एनजीओ से मिली थी. भारत में अगर छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में मुसलमानों को हिंदुओं के साथ न रहने का डर दिखाकर और उन्हें अलग बस्तियां देकर मुसलमानों के लिए अलग बस्तियां बनाई जा रही है तो यह साफतौर पर ‘राष्ट्र के भीतर राष्ट्र’ के सिद्धांत को दर्शाता है. हम ऐसा नहीं होने देंगे.’
प्रियंक कानूनगो ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को जारी किया नोटिस
NHRC के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने आगे कहा कि हमने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है और यह मामला यहीं नहीं रुकेगा. उन्होंने कहा, ‘आज आप दावा कर रहे हैं कि आपको ऐसे घर चाहिए जहां सिर्फ मुसलमान रहें. फिर आप कहेंगे कि स्कूल ऐसे चाहिए, जहां मुसलमान पढ़ते हों. फिर डॉक्टर, बस ड्राइवर, ऑटो ड्राइवर, मुसलमानों के लिए अलग ट्रेन मांगोगे. एक दिन फिर आप महाराष्ट्र में मुसलमानों के लिए अलग राज्य की मांग करोगे. हमने मुख्य सचिव से पूछा है कि ऐसी सोसाइटी बनाने की इजाजत कैसे मिली, इस पर हमें रिपोर्ट दीजिए.’
#WATCH | Delhi: On Muslim-only township near Mumbai, Priyank Kanoongo, member of the National Human Rights Commission, says, “We received a complaint from the Sahyadri Rights Forum NGO that in Maharashtra’s Karjat area, a township is being developed that is providing facilities… pic.twitter.com/R6ZjdYtCDL
— ANI (@ANI) September 5, 2025
प्रियंक कानूनगो के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में उठ रहे सवाल
प्रियंक कानूनगो के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में सवाल उठ रहा है कि क्या मुसलमानों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा (BJP) एकमत नहीं हो पा रहे हैं? दरअसल, बीते दिनों संघ के 100 साल पूरे होने पर आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा था, ‘इस्लाम जब से भारत में आया है, तब से इस्लाम है और यहीं रहेगा. इस्लाम नहीं रहेगा, ऐसा सोचने वाला हिंदू सोच का नहीं है.’
भाजपा नेता और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो लंबे समय से मुस्लिमों के खिलाफ लगातार बयानबाजी करते रहे हैं. महाराष्ट्र की NDA सरकार को मुस्लिम समुदाय के लिए बनाई जा रही RERA अप्रूव्ड सोसाइटी के लिए नोटिस जारी करना इसका सबसे ताजा उदाहरण है. सुप्रीम कोर्ट में मदरसों के खिलाफ याचिका हो या मुसलमानों के लिए बनाई जा रही बस्ती के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भेजना, कानूनगो ने आरएसएस और पीएम नरेंद्र मोदी की लाइन से जुदा राह ही पकड़ी है.
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