ED Raid on Sai Group of Companies: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 5 मार्च, 2025 को साई ग्रुप ऑफ कंपनीज और उसके प्रमोटरों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत छापेमारी की.
यह कार्रवाई मुंबई में 9 ठिकानों पर हुई, जिसमें जयेश विनोदकुमार तन्ना, दीप विनोदकुमार तन्ना और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के ठिकाने शामिल थे.
क्या है मामला?
साई ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमोटरों पर फ्लैट खरीदारों से 72 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है. मुंबई पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत कई FIR दर्ज की थीं, जिसके आधार पर ईडी ने जांच शुरू की.
कैसे हुई धोखाधड़ी?
ईडी की जांच में सामने आया कि साई ग्रुप के प्रमोटरों ने पुनर्विकास (Redevelopment) और SRA (स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी) परियोजनाओं के नाम पर निवेशकों और खरीदारों से पैसे लिए, लेकिन इन पैसों का उपयोग परियोजनाओं में न करके निजी लाभ के लिए किया गया. इस वजह से फ्लैट खरीदारों, पुराने किरायेदारों और निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा.
छापेमारी में क्या मिला?
ईडी की तलाशी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड और संपत्ति से जुड़े कागजात जब्त किए गए. जांच में यह भी सामने आया कि साई ग्रुप के प्रमोटर अपनी अवैध संपत्तियों को बेचने की कोशिश कर रहे थे. ईडी को छापेमारी के दौरान महाराष्ट्र में कई जमीनों के टुकड़े, बंगले और फ्लैट से जुड़े दस्तावेज मिले. विदेशों में संपत्तियों से संबंधित कागजात भी बरामद हुए. इन संपत्तियों को अवैध रूप से अर्जित किया गया माना जा रहा है.
अगली कार्रवाई क्या होगी?
ईडी अब जब्त संपत्तियों की मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार कर रहा है और जल्द ही प्रमोटरों की अचल संपत्तियों को अटैच करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है. साथ ही, अन्य निवेशकों और बैंक खातों की भी जांच की जा रही है.
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