बांग्लादेश की वायुसेना का ट्रेनर विमान सोमवार (21 जुलाई 2025) को ढाका के स्कूल पर गिर गया. इस हादसे में 19 लोगों की मौत हो गई और 160 लोग घायल हैं. मरने वालों में सबसे ज्यादा स्कूल के बच्चे हैं. जिन माता-पिता के बच्चे अभी तक नहीं मिले हैं वे स्कूल के गेट पर उम्मीद लगाए सुरक्षाकर्मियों की तरफ देख रहे हैं.
स्कूल के एंट्री गेट पहुंचे कई बच्चों के माता-पिता
द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक कई माता-पिता स्कूल के एंट्री गेट के पास रोते हुए अपने बच्चों को पुकार रहे हैं. स्कूल परिसर के पास जमीन पर बैठी एक महिला ने बताया कि उनकी बेटी तीसरी कक्षा में पढ़ती है और घटना के बाद से लापता है. उन्होंने कहा, “मेरी बेटी सुबह लगभग 8:00 बजे स्कूल गई थी. उसका क्लास 1 बजे खत्म हो जाता है, लेकिन वह कोचिंग के लिए दोपहर 3:30 बजे तक रुकती है.“
‘मेरी बेटी को ढूंढ़ने में मेरी मदद करें’
उन्होंने कहा, “मेरी बेटी कहां है? वे (सुरक्षा बल) किसी को भी अंदर नहीं आने दे रहे हैं. कृपया मेरी बेटी को ढूंढ़ने में मेरी मदद करें. मुझे अपनी बेटी वापस चाहिए.” इतना कहते ही वह रो पड़ीं. प्लेन क्रैश होने के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में घेराबंदी कर दी, जिस वजह से किसी को भी इमारत के अंदर जाने की अनुमति नहीं है. दुर्घटनास्थल के बाहर कई परिवार प्रार्थना कर रहे हैं.
घायल लोगों में से करीब 50 की हालत नाजुक
अग्निशमन सेवा और नागरिक सुरक्षा महानिदेशक ब्रिगेडियर जनरल जाहेद कमाल ने बताया, “दुर्घटना और उसके बाद लगी आग में 19 लोगों की मौत हो गयी. घायल लोगों में से करीब 50 की हालत नाजुक है.” रक्षा मंत्रालय के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि एफ-7BGI प्रशिक्षण विमान ने दोपहर 1:06 बजे उड़ान भरी और कुछ ही देर बाद वह कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ढाका में विमान हादसे में हुई मौतों पर गहरा दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि भारत बांग्लादेश के साथ एकजुटता से खड़ा है और हरसंभव सहायता, सहयोग देने के लिए तैयार है.
ये भी पढ़ें : ‘जोरदार धमाका हुआ और मच गई चीख-पुकार’, ढाका जेट क्रैश के चश्मदीद ने बताई दिल दहलाने वाली कहानी