केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एथेनॉल ब्लेंड फ्यूल (E-20 Petrol) से निजी लाभ के आरोपों को खारिज किया है. इन दिनों इसे लेकर बड़ी चर्चा हो रही है और विपक्ष गडकरी पर आरोप लगा रहा है. इसका जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि उनका दिमाग ही 200 करोड़ प्रति माह का है और पैसों के लिए कभी भी अपना लेवल नहीं डाउन कर सकते.
नागपुर के एग्रीकॉस वेलफेयर सोसाइटी के कार्यक्रम में बोलते हुए शनिवार (13 सितंबर, 2025) को गडकरी ने आलोचकों को करारा जवाब दिया. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘आपको लगता है कि मैं यह सब पैसे के लिए कर रहा हूं? लेकिन, मैं ईमानदारी से कमाना जानता हूं. हमारे विचार किसानों के हित के लिए हैं, न कि जेब भरने के लिए. मेरा भी एक परिवार और एक घर है, मैं कोई संत नहीं हूं.’
‘लगभग 10,000 किसानों की आत्महत्या बेहद शर्मनाक’
गडकरी ने कहा कि मेरा हमेशा से मानना रहा है कि विदर्भ में लगभग 10,000 किसानों की आत्महत्या बेहद शर्मनाक है, जब तक किसान समृद्ध नहीं हो जाते तब तक हमारी कोशिशें जारी रहेंगी. बता दें कि केंद्रीय परिवहन मंत्री का ये बयान 1 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी पेट्रोल पंपों पर एथेनॉल ब्लेंड फ्यूल को अनिवार्य करने की मांग वाली एक जनहित याचिका को खारिज किए जाने के बाद आया है.
क्या है मामला?
याचिकाकर्ता अक्षय मल्होत्रा ने वरिष्ठ अधिवक्ता शादान फरासत के माध्यम से कहा था कि ये एथेनॉल ब्लेंड के खिलाफ नहीं, बल्कि उपभोक्ता की पसंद को सुरक्षित रखने और उन्हें विकल्प मुहैया कराने के बारे में है. याचिका में कहा गया कि सिर्फ अप्रैल 2023 के बाद बने वाहन ही E-20 पेट्रोल के अनुकूल हैं, जबकि जबकि पुराने मॉडल के लिए जोखिम है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया.
ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?
सरकार एथेनॉल को पेट्रोल का एक स्वच्छ और सस्ता विकल्प बता रही है. वहीं ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे वाहनों की क्षमता प्रभावित हो सकती है. एथेनॉल ब्लेंड फ्यूल के इस्तेमाल से वाहनों के नुकसान के सवालों को नितिन गडकरी ने राजनीति से प्रेरित एक पेड कैंपेन करार दिया था.
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