Operation Sindhu in Iran: ईरान-इजरायल के संघर्ष के बीच कई भारतीय नागरिक इस दौरान ईरान में फंसे हैं. इनमें भारत के छात्र, मजदूर और तीर्थयात्री भी शामिल हैं. दोनों देशों के संघर्ष के बीच भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए ऑपरेशन सिंधु लॉन्च किया है. ऑपरेशन सिंधु के तहत अब तक करीब 2,265 लोगों की घर वापसी हो चुकी है. लेकिन, इस बीच मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दो छात्रों ने ईरान से लौटने से इनकार कर दिया और अभी भी ईरान में ही रुके हैं. दोनों छात्रों की घर वापसी से इनकार के बाद उनके परिवार काफी चिंतित हैं.
भारत क्यों नहीं लौटना चाहता है भोपाल का अबरार?
ईरान में संघर्ष के बीच फंसे भारत के भोपल के निशातपुरा इलाके के निवासी 30 साल के अबरार अली ने घर वापस आने से इनकार कर दिया है. अबरार ने कहा कि वह वहां पिछले चार साल से रहता आ रहा है और बुरे वक्त में ईरान को छोड़कर अपने घर नहीं जा सकता है.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अबरार की मां शाहनूर बेगम ने कहा, “मेरा बेटा अबरार अली ईरान में फंसा हुआ है. वह पिछले चार साल से वहां पढ़ाई कर रहा है, लेकिन इस संघर्ष के शुरू के बाद जब हमने उसे वापस आने के लिए कहा तो उसने कहा क वह अभी वापस नहीं आना चाहते हैं, ऐसे युद्ध के हालात में यहां से जाने पर ईरान की जनता उनके बारे में क्या सोचेगी?’
‘मैंने यहां का नमक खाया है’
अबरार की मां ने ANI से कहा, “अबरार ने कहा है कि मैंने ईरान का नगमक खाया है. मैं ऐस नहीं जाऊंगा. उसने कहा कि वह ईरान के प्रति वफादारी रखता है, फिलहाल वह वापस नहीं आना चाहता है, लेकिन मैं उसकी मां हूं और मुझे चिंता हो रही है. मैं उसकी सलामती के लिए दुआ कर रही हूं. अबरार ने कहा है कि उसका ठिकाना सुरक्षित है और विस्फोट वाली जगह से काफी दूर है.”
भारत के प्रधानमंत्री से अबरार ने की यह मांग
अबरार के परिवार के एक सदस्य आबिद अली ने कहा कि अबरार ईरान में मौलाना मौलवियत से जुड़ा पांच साल का कोर्स करने ईरान गया था. उसकी पढ़ाई के चार साल पूरे हो चुके हैं और सिर्फ एक आखिरी साल बाकी है. इस बीच अबरार ने भी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक अपील की है.
अबरार ने कहा, “मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि पीएम मोदी का दुनिया में खूब बोलबाला है. उनकी ख्याति पूरी दुनिया में है. ऐसे में अगर वे चाहें तो इस युद्ध को रोक सकते हैं. इसलिए मैं पीएम मोदी से अपील करता हूं कि किसी तरह से इस युद्ध को रोका जाए.”