भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार (21 जुलाई, 2025) की शाम अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया. खास बात यह रही कि सोमवार को ही संसद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ था और पहले दिन धनखड़ पूरे समय एक्टिव नजर आए. उन्होंने राज्यसभा की कार्यवाही भी सुचारू रूप से चलाई, लेकिन कुछ ही घंटों बाद इस्तीफे की खबर ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी.
विपक्ष ने उठाए सवाल, सेहत वाली वजह पर जताया शक
कई विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाया है कि अगर सेहत ही वजह थी तो मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले इस्तीफा क्यों नहीं दिया गया? कांग्रेस नेता जयराम रमेश, प्रमोद तिवारी और अखिलेश प्रसाद सिंह का कहना है कि उन्होंने सत्र के दिन शाम 5:45 बजे धनखड़ से मुलाकात की थी और तब वे बिल्कुल स्वस्थ लग रहे थे. इतना ही नहीं, शाम 7:30 बजे तक भी उनकी फोन पर बात हुई थी. ऐसे में यह इस्तीफा सिर्फ स्वास्थ्य वजहों से हुआ, यह बात विपक्ष को हजम नहीं हो रही.
धनखड़ का 23 जुलाई को जयपुर दौरा भी तय था, जिसकी जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के जरिए पहले ही दी गई थी. दौरा रद्द भी नहीं किया गया था, जिससे साफ होता है कि इस्तीफा अचानक लिया गया फैसला नहीं था. कुछ नेताओं का मानना है कि यह किसी आंतरिक टकराव या बड़े राजनीतिक घटनाक्रम का संकेत हो सकता है.
2022 में संभाला था उपराष्ट्रपति का पद
74 वर्षीय जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पद संभाला था और उनका कार्यकाल 2027 तक था. इससे पहले वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं. राज्यसभा में अपने सख्त रवैये और बेबाक बयानों के चलते वे अक्सर चर्चा में रहते थे. विपक्ष उन्हें पक्षपाती भी कहता रहा है.
अब कौन संभालेगा कामकाज?
अब बड़ा सवाल यह है कि नया उपराष्ट्रपति कौन होगा? संविधान के अनुसार, 60 दिनों के भीतर चुनाव कराया जाना अनिवार्य है. तब तक राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह कार्यवाहक सभापति की भूमिका निभाएंगे. धनखड़ का यह अचानक इस्तीफा संसद की कार्यवाही पर भी असर डाल सकता है और सियासत को नई दिशा दे सकता है.