Ideas of India Summit 2025: ABP नेटवर्क की तरफ से आयोजित आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2025 का चौथा संस्करण अपने दूसरे दिन (22 फरवरी) में प्रवेश कर चुका है. इस दौरान शो की शुरुआत ‘मास्टरिंग दी माइंड-लिविंग अवर बेस्ट लाइव’ सेशन के साथ की गई. इस खास मौके पर मोटिवेशनल स्पीकर और मौंक गौर गोपाल दास अपने विचार साझा किए. उन्होंने सबसे पहले स्टेज पर आकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया. बता दें कि ये सेशन जीवन को बेहतर तरीके से जीने के लिए मानसिकता और जीवनशैली पर केंद्रित था. उन्होंने शो के दौरान लोगों को मानसिक तौर पर मजबूत रखने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि आज के भाग-दौड़ वाली जिंदगी में लोगों के लिए आराम से रहना मुश्किल हो गया. हमें हर दिन अपने काम को लेकर बिजी रहना पड़ता है. इसके बावजूद हमें अपने शरीर और दिमाग को आराम देना चाहिए, लेकिन ऐसा कर नहीं पाते हैं.
मोटिवेशनल स्पीकर और संन्यासी गौर गोपाल दास ने एक बच्चे का उदाहरण देते हुए समझाया कि इंसानी दिमाग को हमेशा अटेंशन की जरूरत होती है. इसके लिए उन्होंने बताया कि अगर किसी बच्चे को चोट लगी हो और आप उसे चुप करवाने जाओगे तो वो और जोर से चिल्लाने लगेगा. इसलिए हमें बच्चों के रोने वाले सोच को उसके बेहतर के लिए इस्तेमाल करना पड़ेगा. उसी तरह से हमें भी अपने दिमाग को बेहतर के लिए इस्तेमाल करना सीखना पड़ेगा. इसके अलावा उन्होंने नेगोशिएशन पर भी प्रकाश डाला और कहा कि आज के दौर में लोग तोल-मोल करते हैं. किसी से भी काम करवाने से पहले उसे कुछ लालच देना पड़ता है. जैसे पैरेंट्स बच्चों को एग्जाम के लिए अच्छा नंबर लाने से पहले कहते हैं कि तुम अच्छे नंबर से पास करोगे तो तुम्हें गिफ्ट दिलवा दूंगा.
गौर गोपाल दास ने सफलता को लेकर मूल मंत्र दिया
गौर गोपाल दास ने इंटरव्यू के दौरान सफलता को लेकर मूल मंत्र दिया. उन्होंने कहा कि आज के दौर में लोग ज्यादा होने को सफलता कहते हैं. कई लोग ऐसे है जिनके पास बहुत सारी चीजें है. इसके बावजूद वो अकेला फील करता है. उनके पास कई सारी चीजें होने के बावजूद वो खुद को सफल नहीं मानते हैं. उन्होंने कहा कि हमें वर्तमान में जीना चाहिए. एक शेर के जरिए उन्होंने अपनी बातें कहीं. कुछ लोगों को कामयाबी में सुकून नजर आया, वहीं कुछ का सुकून में कामयाबी नजर आई. इस पर उन्होंने सुकून और कामयाबी में अंतर बताया. आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि कई लोग घर आने के बाद सोचते हैं कि कोई उनसे बात करने वाला हो. हालांकि, आज के वक्त में लोग दाल-चावल वाला सुकून भूल चुके हैं. उन्होंने कहा कि आप जितना लिखोगे उतना आपके लिए काम करेगा. अपने सुकून के बारे में उन्होंने बताया कि उन्हें सुकून अपने दोस्तों से बात करने में आता हैं. अच्छी नींद पूरी करने में आती है.
ये भी पढ़ें: Ideas of India 2025 लाइव: ‘खुद पर कैसे रखें कंट्रोल?’ मोटिवेशनल स्पीकर गौर गोपाल दास ने दिए टिप्स