यमन युद्ध की योजना लीक, ट्रंप सरकार ने गलती से पत्रकार को थमाया पूरा प्लान, जानिए क्या है मामला

यमन युद्ध की योजना लीक, ट्रंप सरकार ने गलती से पत्रकार को थमाया पूरा प्लान, जानिए क्या है मामला



<p style="text-align: justify;">अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अधिकारियों से भारी गलती होने की खबर सामने आई है. दरअसल ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने गलती से एक पत्रकार को यमन के हूथी विद्रोहियों पर अमेरिकी हमले की खुफिया जानकारी शेयर कर दी थी.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">एक ग्रुप चैट में कुछ सुरक्षा अधिकारी और अन्य प्रमुख सदस्य, जो यमन पर हमले की योजना बना रहे थे, गलती से ‘द अटलांटिक’ के एडिटर-इन-चीफ जेफरी गोल्डबर्ग को शामिल कर बैठे. यह चूक तब हुई, जब इन अधिकारियों ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ हवाई हमलों के समन्वय के लिए एक ग्रुप चैट का इस्तेमाल किया था और गलती से गोल्डबर्ग को भी उस चैट में जोड़ दिया, बिना उनकी जानकारी के.</p>
<p style="text-align: justify;">हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने इस लीक की पुष्टि या जिम्मेदारी लेने से इनकार किया है, यह घटना एक बड़ी गलती मानी जा रही है, क्योंकि इसमें संवेदनशील और गोपनीय जानकारी शामिल थी.</p>
<p style="text-align: justify;">वहीं मामला सामने आने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने अपने एक बयान में कहा है कि वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि सिग्नल ग्रुप चैट में एक जर्नलिस्ट का नंबर कैसे जोड़ा गया.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ग्रूप चैट में कौन था?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">अटलांटिक के प्रधान संपादक जेफरी गोल्डबर्ग के अनुसार इस ग्रुप में कुल 18 मेंबर थे. इसमें रक्षा सचिव पीट हेगसेथ के अलावा, उपराष्ट्रपति जे डी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और ट्रंप की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड भी शामिल थीं. पत्रकार का दावा है कि उन्हें इस ग्रुप में जोड़ने के लिए ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज का आमंत्रण मिला था.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>चैट में क्या था?</strong></p>
<p style="text-align: justify;">लीक हुए मैसेजों से पता चलता है कि यमन पर हमले की समय सीमा को लेकर कुछ अधिकारियों के बीच चिंता थी. मिशिगन में एक इकोनॉमिक इवेंट में शामिल वांस ने इस फैसले पर संदेह जताया. वह कहते हैं, ‘टीम, मैं आज एक इकोनॉमिक इवेंट में हूं, लेकिन मुझे लगता है कि हम एक गलती करने जा रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि राष्ट्रपति यह समझ रहे हैं कि यह यूरोप पर उनके संदेश से कितना मेल नहीं खाता. इसके अलावा, हमें यह जोखिम है कि तेल की कीमतों में काफी वृद्धि हो सकती है."</p>
<p style="text-align: justify;">अटलांटिक के मुताबिक, ट्रंप के राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी केंद्र के लिए नामित उम्मीदवार जो केंट ने भी जेडी वेंस का समर्थन किया और कहा, ‘कोई ऐसी जरूरी वजह नहीं है कि हमें यह हमला तुरंत करना पड़े. हम एक महीने बाद भी वही ऑप्शंस चुन सकते हैं.'</p>
<p style="text-align: justify;">गोल्डबर्ग ने बताया कि उन्हें हमले के बारे में ‘घंटों पहले जानकारी मिल गई थी.’ वह कहते हैं, ‘मुझे बम गिरने से दो घंटे पहले पता था कि हमला हो सकता है. यह जानकारी मुझे इसलिये मिली क्योंकि पीट हेगसेथ ने 11:44 बजे मुझे युद्ध योजना भेजी थी, जिसमें हथियारों के पैकेज, लक्ष्यों और समय के बारे में सटीक जानकारी थी.’ हमले लगभग 1:45 बजे ईस्टर्न टाइम के आसपास शुरू हुए और यमन की राजधानी सना में धमाकों की खबरें आईं. ऑपरेशन के बाद, अधिकारियों ने चैट में एक-दूसरे को बधाई दी.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पीट हेगसेथ ने जर्नलिस्ट को बताया फेक</strong></p>
<p style="text-align: justify;">अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने इस पूरे मामले को फेक बतातें हुए पत्रकार को धोखेबाज बताया है. हालांकि अपने बयान में उन्होंने ये नहीं बताया कि इतनी खुफिया और संवेदनशील ऑपरेशन पर चर्चा करने के लिए सिग्नल ऐप का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा था और पत्रकार उस ग्रुप में कैसे ऐड हो गये थे. &nbsp;हेगसेथ ने इस मामले पर दी गई अपनी टिप्पणी में कहा, &ldquo;कोई भी युद्ध की योजनाएं मैसेज में नहीं बता रहा था और मुझे इस बारे में बस इतना ही कहना है.&rdquo;</p>



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *