युद्ध का नया चेहरा! इज़रायल ने बनाया न दिखने वाला हथियार, दुश्मन को भनक तक नहीं लगेगी

युद्ध का नया चेहरा! इज़रायल ने बनाया न दिखने वाला हथियार, दुश्मन को भनक तक नहीं लगेगी


Israel Electromagnetic Weapon: इज़रायल ने अपनी रक्षा प्रणाली में एक ऐसा क्रांतिकारी हथियार शामिल किया है जिसे देख पाना तो दूर, दुश्मन को इसका आभास तक नहीं होगा. यह अत्याधुनिक तकनीक “स्कॉर्पियस” नामक एक नई इलेक्ट्रोमैग्नेटिक युद्ध सिस्टम का हिस्सा है जो दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को बिना मिसाइल चलाए निष्क्रिय कर सकती है.

दुश्मन के रडार को कर देती है जाम

इज़रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) के मार्केटिंग वाइस प्रेसिडेंट गिदोन फस्टिक के अनुसार, यह प्रणाली बेहद संकीर्ण ऊर्जा किरणों का उपयोग करती है, जो दुश्मन के रडार, नेविगेशन, संचार और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सेंसर को जाम या बाधित कर सकती है. स्कॉर्पियस की खासियत यह है कि यह बेहद सटीकता से केवल लक्षित उपकरणों को प्रभावित करता है जबकि आसपास के सिस्टम पर कोई असर नहीं डालता.

फस्टिक इसे “सॉफ्ट प्रोटेक्शन” श्रेणी में रखते हैं — यानी यह हथियार बिना कोई विनाशकारी हमला किए दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक आधार को ही निष्क्रिय कर देता है. उन्होंने इसे “युद्ध की दुनिया में क्रांति” बताया. उनके अनुसार, “यह एक ऐसा हथियार है जो मिसाइल नहीं चलाता, फिर भी दुश्मन की तकनीक को पूरी तरह से ठप कर देता है.”

भले ही स्कॉर्पियस को एक गैर-घातक प्रणाली माना जा रहा हो, लेकिन यह लड़ाकू विमानों, ड्रोन और मिसाइलों जैसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तकनीक पर चलने वाली प्रणालियों के लिए बेहद घातक हो सकता है.

आसामान में मौजूद किसी भी चीज को पहचानने की ताकत

फस्टिक के मुताबिक, यह दुनिया की पहली ऐसी प्रणाली है जो आसमान में मौजूद किसी भी चीज़ को पहचान सकती है और एक साथ कई दिशाओं और अलग-अलग तरंगों पर काम कर सकती है. वैश्विक स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर का दायरा लगातार बढ़ रहा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, यह बाज़ार 2020 में 15.57 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2027 तक 20.82 मिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. फस्टिक का मानना है कि भविष्य का युद्ध मुख्य रूप से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक क्षेत्र में ही लड़ा जाएगा.

उन्होंने कहा, “जब तक दोनों पक्ष इस डोमेन का इस्तेमाल कर रहे हैं, तब तक इसे नियंत्रित करने की लड़ाई जारी रहेगी.” इज़रायल की इस नई तकनीक से यह साफ है कि भविष्य में जंग सिर्फ गोलियों और बमों से नहीं, बल्कि अदृश्य किरणों और सिग्नल से भी लड़ी जाएगी और जो देश इस डोमेन पर कब्ज़ा करेगा, वही जीत के करीब होगा.

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