Hindu Nationalist Extremism in UK : ब्रिटेन में एक लीक सरकारी रिपोर्ट में खालिस्तान आंदोलन और हिंदू राष्ट्रवाद को उग्रवाद के नए रूप में जिक्र किया गया है. दरअसल, पिछले साल ब्रिटेन की गृह मंत्री यवेट कूपर ने उग्रवाद पर सरकारी नीति की समीक्षा की घोषणा की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि रैपिड एनालिटिकल स्प्रिंट नाम का समीक्षा चरमपंथी प्रवृत्तियों की खोज और निगरानी करेगी. इसके अलावा देश में चरमपंथ का मुकाबला करने के लिए एक नया रणनीतिक दृष्टिकोण तैयार करेगी.
रिपोर्ट में किन-किन उग्रवादों का किया गया जिक्र
थिंक टैंक पॉलिसी एक्सचेंज ने लीक रिपोर्ट की समीक्षा की है. समीक्षा के बाद बताया गया कि ब्रिटेन में उग्रवाद के नौ प्रकारों के लिस्ट किया गया है. इनमें इस्लामी आतंकवाद, चरम दक्षिणपंथी उग्रवाद, महिलाओं के खिलाफ हिंसा, खालिस्तान समर्थक उग्रवाद, हिंदू राष्ट्रवादी उग्रवाद, हिंसक प्रवृतियों की ओर आकर्षण शामिल है. उल्लेखनीय रूप से इसमें महिलाओं के प्रति उग्रवाद और खालिस्तानी आंदोलन और हिंदू राष्ट्रवाद को नए खतरों के तौर पर पेश किया गया है.
हिंदू राष्ट्रवाद पर थिंक टैंक के क्या हैं विचार?
थिंक टैंक ने कहा कि ब्रिटेन के गृह मंत्रालय की समीक्षा ने हिंदू राष्ट्रवाद को बिल्कुल सही तरीके से चिह्नित किया है. लेकिन, थिंक टैंक ने यह भी कहा कि समीक्षा में इस्लामी चरमपंथ को कम आंका गया है. जबकि, ब्रिटेन में हुए अधिकांश आतंकवादी हमलों या हिंसक घटनाओं में इस्लामी चरमपंथ ही शामिल रहा है.
यूके में क्यों हो रही हिंदू राष्ट्रवाद पर चर्चा क्यों?
पॉलिसी एक्सचेंज के मुताबिक, यूके के गृह मंत्रालय की समीक्षा में हिंदू राष्ट्रवाद को शामिल करने का कारण 2022 में इंग्लैंड में लीसेस्टर में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच हुई सांप्रदायिक हिंसा है. गृह मंत्रालय की लीक हुई समीक्षा पर थिंक टैंक की 30 पन्नों की रिपोर्ट में हिंदू राष्ट्रवाद को एक ‘कम महत्व दिया जाने वाला विषय’ बताया गया है, जिस पर गृह मंत्रालय ने पहली बार विस्तार से चर्चा की है.
खालिस्तान पर ब्रिटेन का रुख कैसा?
खालिस्तान चरमपंथ के लिए समीक्षा में कहा गया कि खालिस्तान आंदोलन अपने आप में चरमपंथी नहीं है, लेकिन थिंक टैंक के अनुसार, समस्या तब होती है जब यह दृष्टिकोण उस उद्देश्य के समर्थन में हिंसा की वकालत करता है.”
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