Ukraine News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के खिलाफ युद्ध में मदद के बदले यूक्रेन से अपना तेल, गैस और दुर्लभ खनिज सौंपने की मांग की है. लीक हुए दस्तावेजों के मुताबिक,अमेरिका द्वारा तैयार किए गए खनिज सौदे के ड्राफ्ट से पता चलता है कि जब तक यूक्रेन 100 अरब डॉलर का युद्ध कर्ज नहीं चुका देता, तब तक अमेरिका को उसके प्राकृतिक संसाधनों और प्रमुख बुनियादी ढांचे पर नियंत्रण मिलेगा.
इसके अलावा इस कर्ज को 4 प्रतिशत ब्याज के साथ चुकाना होगा. इसके बदले उसे रूस के हमले से सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं दी जाएगी,
USA बनेगा यूक्रेन का मालिक?
ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रस्तावित शर्तों में अमेरिका को कई बड़े अधिकार दिए गए हैं. इसके तहत अमेरिका यूक्रेन को यूरोप या चीन को अपने संसाधन बेचने से भी रोक सकता है. अटलांटिक काउंसिल के ऊर्जा कानून विशेषज्ञ एलन रिले ने इस समझौते को “अधिग्रहण दस्तावेज” बताया. उन्होंने कहा, “इसमें न कोई गारंटी है, न कोई सुरक्षा प्रावधान. अमेरिका के लिए कोई जोखिम नहीं है, लेकिन यूक्रेन पीछे नहीं हट सकता.” रिले ने यह भी कहा, “मैंने पहले कभी ऐसा समझौता नहीं देखा.”
USA को होगा सबसे ज्यादा फायदा
नए समझौते के अनुसार, जब तक यूक्रेन 100 अरब डॉलर का कर्ज 4 प्रतिशत ब्याज के साथ नहीं चुका देता, तब तक अमेरिका को उसकी संपत्तियों से मिलने वाली पूरी रॉयल्टी मिलेगी. कर्ज चुकाने के बाद भी यूक्रेन को सिर्फ 50 प्रतिशत रॉयल्टी मिलेगी. इसके बदले उसे रूस के हमले से सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं दी जाएगी. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ट्रंप के वार्ताकार क्रेमलिन से जुड़े लोगों के साथ नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइन को दोबारा शुरू करने पर चर्चा कर रहे थे.
अमेरिका का पूरा नियंत्रण
नए प्रस्ताव के तहत यूक्रेन की सभी खनिज और ऊर्जा संपत्तियां, साथ ही बंदरगाह, रेलवे, सड़क और उत्पादन सुविधाएं-डेलावेयर में स्थित एक अमेरिकी-यूक्रेन पुनर्निर्माण निवेश कोष के नियंत्रण में होंगी. इस कोष के पांच बोर्ड सदस्यों में से तीन को अमेरिका चुनेगा, जिससे वॉशिंगटन को किसी भी तीसरे पक्ष को संसाधन बेचने पर पूरी तरह से रोक लगाने की शक्ति (वीटो पावर) मिल जाएगी.
यूक्रेन को ही भरना होगा मुआवजा
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका को यूक्रेन के बुनियादी ढांचे और प्राकृतिक संसाधन परियोजनाओं में निवेश का पहला अधिकार मिलेगा. इसके अलावा यूक्रेन को फंड के रोजाना के प्रबंधन में कोई दखल देने से रोका जाएगा. फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, फंड से होने वाला मुनाफा सीधे विदेशी मुद्रा में बदला जाएगा और अगर इसमें कोई देरी या विवाद हुआ, तो यूक्रेन को मुआवजा देना होगा. तीन यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया कि अगले हफ्ते तक इस सौदे पर हस्ताक्षर होने की संभावना नहीं है. उनमें से एक ने इस प्रस्ताव को अनुचित कहा, जबकि दूसरे ने इसे डकैती करार दिया.