‘ये बद्रीनाथ नहीं… बदरुद्दीन शाह’, वक्फ संशोधन विधेयक पर बोले बृज लाल

‘ये बद्रीनाथ नहीं… बदरुद्दीन शाह’, वक्फ संशोधन विधेयक पर बोले बृज लाल


Waqf Amendment Bill: राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद बृज लाल ने गुरुवार (3 अप्रैल,2025) को इसके अभी तक के प्रावधानों पर सवाल उठाया. इस दौरान उन्होंने यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए बताया कि कैसे वक्फ बोर्ड देश के अलग-अलग जगहों पर संपत्ति को अपने कब्जे में लेता था. इस दौरान ने उन्हें ताजमहल और बद्रीनाथ का भी जिक्र किया.

‘हरियाणा की जमीन पर दावा ठोका’

बीजेपी सांसद बृज लाल ने वक्फ एक्ट के सेक्शन 40 के दुरुपयोग का उदाहरण देते हुए कहा, “अभी तक जो वक्फ मौजूद है, इस पर केवल मुसलमानों के अभिजात्य वर्ग का आधिपत्य है. इसमें शेख, सैय्यद, सिद्दीकी, पठान, मिर्जा हैं. इसमें गरीब मुसलमान और पसमंदा मुस्लिमों का कोई रोल नहीं रहा. हमारी सरकार की जितनी भी योजना है वो गरीबों पर केंद्रित है. 2022 में वक्फ बोर्ड ने हरियाणा की जमीन पर दावा ठोक दिया. वहां का एक पुराने गुरुद्वारा को हड़पने की कोशिश की गई. वहां कोई मुस्लिम सेटलमेंट नहीं था.”

‘ये बद्रीनाथ नहीं… बदरुद्दीन शाह’

राज्यसभा सांसद बृज लाल ने कहा, “एक मौलाना 2017 में कह रहे थे कि ये बद्रीनाथ नहीं है… ये विष्णु मंदिर नहीं है, ये तो बदरुद्दीन शाह हैं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को ये मंदिर उन्हें सौंप देने के लिए कहा और अगर नहीं करेंगे तो इसपर कब्जा कर लेंगे. देहरादून में इसे लेकर मुकदमा दर्ज किया गया था.”

ताजमहल को भी वक्फ संपत्ति बताया गया

बीजेपी के राज्यसभा सांसद बृज लाल ने कहा, “साल 2021 में वक्फ ने कहा कि सूरत मुंसिपल कॉरपोरेशन की संपत्ति वक्फ की है. कहा गया कि 400 साल पहले शाहजहां ने वक्फ किया था. उन्होंने अपनी बेटी जहां आरा को दे दिया था. मैं आगरा का एसएसपी और डीआईजी भी रहा हूं. 2014 में समाजवादी पार्टी की सरकार थी. उनके एक कद्दावर नेता ने कहा कि ये तो वक्फ की जमीन है. सपा के एक और नेता ने कहा कि मुझे मुतवल्ली बना दीजिए, ताजमहल तो वक्फ प्रॉपर्टी है. इसका भी मामला उठा, लेकिन वो वक्फ का नहीं हो पाया.

बीजेपी सांसद ने किया ज्ञानवापी का जिक्र

इसके बाद बीजेपी सांसद बृज लाल ने ज्ञानवापी का जिक्र किया. उन्होंने कहा, “सब जानते हैं कि 9 अप्रैल 1969 को औरंगजेब ने हुक्मनामा जारी किया था, जिसके तहत काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़ा गया. जनवरी 1670 में मथुरा में केशव देव मंदिर तोड़ा गया. वहां भी उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि जहां ज्ञानवापी मौजूद है, वो वक्फ की जमीन है. 

बीजेपी सासंद ने कहा, “गुजरात वक्फ बोर्ड ने हाई कोर्ट में पेटीशन डाला, जिसमें कहा कि बेट द्वारका के दो आइलैंड वक्फ की प्रॉपर्टी है. बेट द्वारका भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित है. अगर ये एक्ट रहता और यूपीए की सरकार रहती तो भगवान श्रीकृष्ण के तीर्थ स्थल को वक्फ प्रॉपर्टी के नाम पर ले लिया जाता.”

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