राज ठाकरे और MNS के खिलाफ SC में याचिका, FIR दर्ज करने और पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग

राज ठाकरे और MNS के खिलाफ SC में याचिका, FIR दर्ज करने और पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग


PIL Against Raj Thackeray In Supreme Court: राज ठाकरे और उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है. याचिका में राज ठाकरे पर महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के प्रति नफरत फैलाने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है. याचिकाकर्ता ने मांग की है कि कोर्ट महाराष्ट्र पुलिस को राज ठाकरे के नफरत फैलाने वाले बयानों के लिए एफआईआर दर्ज करने को कहे. साथ ही, चुनाव आयोग को MNS की मान्यता रद्द करने का भी निर्देश कोर्ट दे.

उत्तर भारतीय विकास सेना नाम की राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष सुनील शुक्ला ने यह याचिका दाखिल की है. शुक्ला ने बताया है कि वह मुंबई में ही रहते हैं और अपनी पार्टी के ज़रिए महाराष्ट्र में रहने वाले उत्तर भारतीयों के अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज़ उठाते रहते हैं. इस कारण से MNS से जुड़े लोगों ने उनकी पार्टी के दफ्तर पर भी पिछले साल हमला किया था.

सुनील शुक्ला ने दायर की याचिका

वकील श्रीराम परक्कट के ज़रिए दाखिल याचिका में सुनील शुक्ला ने बताया है कि उन्होंने राज ठाकरे और उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ कई बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, डीजीपी और मुंबई के पुलिस कमिश्नर को शिकायत भेजी लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है. उन्होंने चुनाव आयोग को भी MNS की मान्यता रद्द करने के लिए ज्ञापन दिया, लेकिन आयोग ने भी कोई कार्रवाई नहीं की.

राज ठाकरे पर उत्तर भारतीयों को निशाना बनाए जाने का आरोप

याचिका में बताया गया है कि हाल ही में गुड़ी पड़वा के मौके पर राज ठाकरे ने उत्तर भारतीयों के खिलाफ बेहद भड़काऊ भाषण दिया. इसके बाद महाराष्ट में हिंदी बोलने वाले लोगों को निशाना बनाया जाना शुरू हो गया. डी मार्ट के कर्मचारी, एक बैंक कर्मचारी और वाचमैन समेत कई लोग हिंसा का शिकार हुए. राज ठाकरे और MNS की गतिविधियां IPC की धाराओं 153A, 295A, 504, 506 और 120B के अलावा जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 के तहत भी अपराध हैं.

एमएनएस की मान्यता रद्द करने की मांग

याचिकाकर्ता ने कहा है समाज में भाषा और क्षेत्रीयता के नाम पर शत्रुता फैलाने की यह कोशिश गंभीर अपराध है लेकिन ज़िम्मेदार पद पर बैठे इसे लेकर अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं कर रहे हैं. याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए कहे, चुनाव आयोग को MNS की मान्यता रद्द करने पर विचार के लिए कहे, राज ठाकरे के नफरत फैलाने वाले बयानों और उसके बाद हुई हिंसा की निष्पक्ष जांच करवाई जाए. जांच चलने तक राज ठाकरे को नफरती बयानबाजी रोकने के लिए कहा जाए. याचिकाकर्ता ने अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा का भी अनुरोध किया है.

ये भी पढ़ें: ‘जांच अधिकारी को कटघरे में खड़ा करो, क्रिमिनिल केस बनाओ और डीजीपी…’, यूपी पुलिस पर भड़के CJI, दी ये चेतावनी



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *