रिलायंस इंफ्रा को NCLAT से राहत, 13 परसेंट की तेजी के साथ 52-हफ्ते के हाई लेवल पर पहुंचे शेयर

रिलायंस इंफ्रा को NCLAT से राहत,  13 परसेंट की तेजी के साथ 52-हफ्ते के हाई लेवल पर पहुंचे शेयर


Reliance Infrastructure: रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरों में बुधवार, 4 जून को गजब की तेजी देखने को मिली. इंट्रा-डे कारोबार में कंपनी का शेयर BSE पर 13 परसेंट बढ़कर 52-हफ्ते के हाई लेवल 385.90 रुपये पर पहुंच गया. कंपनी के शेयरों में यह बढ़ोतरी नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) से एक बड़ी राहत मिलने के बाद आई. NCLAT ने उस आदेश को निलंबित कर दिया है, जिसमें कंपनी को इंसॉल्वेंसी (Insolvency) रेजॉल्यूशन प्रोसेस में शामिल किया गया था. 

IDBI ट्रस्टीशिप ने दायर की थी याचिका

30 मई को NCLAT की मुंबई शाखा के इस फैसले के बाद निवेशकों के चेहरे खुशी से खिल गए. रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने एक्स्चेंज फाइलिंग में इस बात की जानकारी दी है कि 30 मई को NCLAT ने मूल रूप से जारी किए गए दिवालियापन आदेश पर रोक लगा दी है. अप्रैल 2022 में IDBI ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड रिलायंस इंफ्रा को दिवालिया घोषित करने की याचिका दायर की थी, जिसमें 88.68 करोड़ रुपये के डिफॉल्ट का दावा किया गया था और 1.25 परसेंट प्रति महीने ब्याज की मांग की गई थी. 

इसलिए उठी थी कार्रवाई की मांग

यह याचिका धुरसर सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े एक विवाद के सिलसिले में थी, जिसने 2012 में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ऊर्जा खरीद को लेकर एक समझौता किया था. IDBI ट्रस्टीशिप के मुताबिक, रिलायंस इंफ्रा ने सोलर एनर्जी की सप्लाई के लिए 2017 और 2018 के बीच जारी किए गए 10 चालानों का भुगतान समय से नहीं किया. धुरसर सोलर की ओर से काम करने वाली ट्रस्टीशिप फर्म ने समझौते के तहत बकाए का भुगतान करने और दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के तहत कार्रवाई की मांग की थी. 

रिलायंस ने दी ये सफाई

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का कहना है कि उसने धुरसर सोलर पावर को पूरे 92.68 करोड़ रुपये चूका दिए हैं. इसमें मूल राशि के साथ ब्याज भी शामिल है इसलिए इंसॉल्वेंसी का प्रोसेस शुरू करने का अब कोई तुक नहीं बनता है. पेमेंट के बाद रिलायंस इंफ्रा के तर्क से सहमत होते हुए NCLAT ने आदेश को निलंबित कर दिया, जिससे कंपनी तत्काल राहत मिली इंसॉल्वेंसी प्रॉसेस में घसीटे जाने का जोखिम टल गया. इससे कंपनी के शेयरों पर भी निवेशकों का भरोसा लौटा और शेयर एक साल के अपने हाई लेवल पर पहुंच गए. 

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