रूस के राष्ट्रपति पुतिन की लिमोजिन कार में धमाके के पीछे आखिरकार किसकी साजिश थी?

रूस के राष्ट्रपति पुतिन की लिमोजिन कार में धमाके के पीछे आखिरकार किसकी साजिश थी?



<p style="text-align: justify;">29 मार्च को रूस की राजधानी मॉस्को में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भरोसेमंद लिमोजिन कार में खौफनाक धमाका हुआ. यह धमाका इस देश की सबसे शक्तिशाली खुफिया एजेंसी, FSB (फेडरल सिक्योरिटी सर्विस) के मुख्यालय के बाहर हुआ. गनीमत रही कि पुतिन उस वक्त अपनी कार में मौजूद नहीं थे, वरना परिणाम काफी भयानक हो सकते थे. इस घटना का लेकर अब तक मिली जानकारी के अनुसार धमाके के बाद कार में आग लग गई और देखते ही देखते पूरी कार जलकर राख हो गई. कार के चारों ओर धुआं फैल गया और उसका पिछला हिस्सा पूरी तरह से तबाह हो गया.</p>
<p style="text-align: justify;">इस घटना ने सुरक्षा के मामले में गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि पुतिन की लिमोजिन कार को एक चलता फिरता किला माना जाता था. इसकी सुरक्षा व्यवस्था इतनी मजबूत थी कि इसे भेदना किसी भी दुश्मन के लिए मुश्किल था. फिर भी, इस धमाके ने रूस की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों पर सवालिया निशान लगा दिए हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>क्या है धमाके के पीछे की साजिश?</strong><br />पुतिन की कार में धमाके के पीछे की साजिश के बारे में कई अनुमानों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. सबसे पहला संदेह यूक्रेन पर जताया जा रहा है, खासकर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के एक बयान के बाद. 26 मार्च को पेरिस में दिए गए एक इंटरव्यू में जेलेंस्की ने कहा था कि पुतिन जल्द ही मरेंगे और फिर सब कुछ खत्म हो जाएगा. इस बयान ने माहौल को और भी गर्म कर दिया है, और इसे धमाके से जोड़कर देखा जा रहा है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था</strong><br />रूस के राष्ट्रपति पुतिन की सुरक्षा को लेकर उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा व्यवस्था भी बेहद सख्त है. पुतिन अपने काफिले के साथ सड़क पर चलते हैं, जिसमें अत्याधुनिक हथियारों से लैस सैनिक होते हैं. इस काफिले में AK-47 राइफलें, टैंक-रोधी ग्रेनेड लॉन्चर और पोर्टेबल एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलें भी शामिल होती हैं. पुतिन खुद हमेशा एक बुलेटप्रूफ जैकेट पहनते हैं और उनके आस-पास हमेशा उनकी सुरक्षा के लिए "मस्किटियर्स" तैनात रहते हैं. ये "मस्किटियर्स" रूस की फेडरल सिक्योरिटी फोर्स के विशेष सदस्य होते हैं, जो पुतिन की सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे मुस्तैद रहते हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">पुतिन को अपनी सुरक्षा के मामले में इतना डर है कि वे अपने स्टाफ से भी पूरी तरह से भरोसा नहीं करते. हाल ही में सेरेमोनियल गार्ड्स की भी शारीरिक तलाशी ली गई थी. जहां भी पुतिन जाते हैं, फेडरल फोर्स के एजेंट वहां के सभी क्षेत्र की गहरी छानबीन करते हैं, जैसे गारबेज पिन और सीवर कवर भी चेक किए जाते हैं. इसके अलावा, पुतिन का खाना भी एक अधिकारी द्वारा चखकर जांचा जाता है ताकि किसी तरह के जहर से उनकी जान को खतरा न हो.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>जेलेंस्की का बयान और बढ़ते तनाव</strong><br />रूस और यूक्रेन के बीच चल रही युद्ध में एक नया मोड़ इस धमाके के बाद आया है. जहां पुतिन की सुरक्षा और राजनीति को लेकर सवाल उठने लगे हैं, वहीं जेलेंस्की के बयान ने यूक्रेन के प्रति रूस की कड़ी प्रतिक्रिया का माहौल बना दिया है. पुतिन के खात्मे की बात करने वाला जेलेंस्की का बयान इस घटना से संबंधित समझा जा रहा है, और दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है.</p>



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