जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने गाजा में बढ़ते नरसंहार और मानवीय संकट की सख्त निंदा की है. हुसैनी ने भारत सरकार, विश्व शक्तियों और दुनियाभर के विवेकशील नागरिकों से आग्रह किया कि वे उत्पीड़न के खिलाफ उठ खड़े हों और इजरायल के जारी हमले को रोकने के लिए तुरंत एक्शन लें.
मीडिया को जारी एक बयान में, जमात अध्यक्ष ने कहा, ‘निरंतर घेराबंदी और बमबारी की वजह से लगभग 1.1 मिलियन बच्चों सहित 20.1 लाख से अधिक फिलिस्तीनी गाजा में फंसे हुए हैं. 18 मार्च 2025 को युद्ध विराम टूटने के बाद से इजराइल ने अपनी सैन्य आक्रामकता बढ़ा दी है.
आवश्यक वस्तुओं पर पूर्ण नाकेबंदी
उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा सहायता और आवश्यक वस्तुओं पर पूर्ण नाकेबंदी लगा रखी है. गाजा के लोग भूख और प्यास से मर रहे हैं, उनके घर ध्वस्त हो रहे हैं और उनकी आवाजें दबा दी गई हैं. स्थिति अत्यंत गंभीर है. इजरायल सरकार गाजा के लोगों के सम्पूर्ण विनाश की योजना बना रही है और विश्व को इस निकट विनाश को रोकने के लिए अभी से एक्शन लेना चाहिए.
हुसैन ने कहा कि गाजा की 90% चिकित्सा सुविधाएं या तो नष्ट हो चुकी हैं या फिर काम नहीं कर रही हैं. पूरे गाजा पट्टी में केवल कुछ ही पोषण केंद्र चल रहे हैं, जबकि हजारों टन सहायता सामग्री, जिसमें भोजन और दवाइयां भी शामिल हैं, महीनों से सीमा चौकियों पर फंसी हुई है. स्वच्छता और स्वच्छ जल की उपलब्धता में कमी के कारण डायरिया, हेपेटाइटिस और श्वसन संक्रमण जैसी बीमारियां तेजी से फैल रही हैं.
यूनिसेफ की रिपोर्ट का दिया हवाला
उन्होंने आगे कहा कि यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, 6,60,000 बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं और 17,000 से ज़्यादा बच्चे अकेले या अनाथ हैं. अगर घेराबंदी नहीं हटाई गई तो सितंबर 2025 तक बड़े पैमाने पर अकाल पड़ने की आशंका है. हुसैनी ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से निर्णायक कार्रवाई करने का आह्वान किया और कहा कि यह वैश्विक व्यवस्था के लिए एक परीक्षा है.
उन्होंने कहा कि हम सभी देशों से इजराइल के साथ सैन्य और आर्थिक संबंध तोड़ने, प्रधानमंत्री नेतन्याहू के लिए आईसीसी के गिरफ्तारी वारंट का पालन करने और अवैध कब्जे को समाप्त करने के संयुक्त राष्ट्र महासभा के समर्थन करने का आह्वान करते हैं.
दोहरे मापदंड समाप्त करें अमीर देश
हुसैन ने कहा कि इजरायल के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व वाले अमीर और शक्तिशाली राष्ट्रों के दोहरे मापदंड समाप्त होने चाहिए. अब समय आ गया है कि अमेरिका और उसके सहयोगी केवल दिखावटी बातों से आगे बढ़ें और शांति और न्याय के उन महान सिद्धांतों का पालन करना शुरू करें, जिनका वे दावा करते हैं.
भारत को भी करनी चाहिए पहल
सैयद हुसैनी ने भारत सरकार से आग्रह किया कि वह दृढ़ और सैद्धांतिक रुख अपनाकर अपनी ऐतिहासिक और नैतिक जिम्मेदारी निभाए. भारत ने हमेशा फिलिस्तीन के न्यायसंगत पक्ष का समर्थन किया है. इस महत्वपूर्ण क्षण में हमें अपनी आवाज पहले से कहीं ज्यादा जोरदार और स्पष्ट रूप से उठानी चाहिए. सरकार को सार्वजनिक रूप से इजरायल की कार्रवाई की निंदा करनी चाहिए.
उसके साथ सभी सैन्य और रणनीतिक साझेदारियों को निलंबित करना चाहिए और हमलावरों को जवाबदेह ठहराने के लिए अंतर्राष्ट्रीय पहल का समर्थन करना चाहिए. हमारी आवाज राजनीतिक गणना से नहीं, बल्कि हमारे संवैधानिक मूल्यों और सभ्यतागत लोकाचार से निर्देशित होनी चाहिए. उन्होंने दोहराया, ‘नरसंहार के सामने तटस्थता कूटनीति नहीं है, यह इतिहास के सही पक्ष पर खड़े होने का यथोचित अवसर है.’
आम नागरिकों से भी अपील
भारत के नागरिकों से आह्वान करते हुए हुसैनी ने शांतिपूर्ण प्रतिरोध में सक्रिय भागीदारी की अपील की. उन्होंने कहा, हम अपने साथी नागरिकों से आग्रह करते हैं कि वे अपनी आवाज उठाएं, इस नरसंहार में शामिल इजराइली उत्पादों और कंपनियों का बहिष्कार करें और फिलिस्तीनी प्रतिरोध के बारे में फैलाई जा रही गलत सूचनाओं का विरोध करें. साथ ही हमें गाजा के बारे में सच्चाई साझा करने और उत्पीड़ितों के साथ खड़े होने के लिए हर मंच जैसे सोशल मीडिया, सार्वजनिक समारोहों और व्यक्तिगत बातचीत का उपयोग करना चाहिए.
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