Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें दो लोगों की मौत हुई है और कई अन्य घायल हैं. इस आतंकी हमले ने देश को हिलाकर रख दिया है. सेना घाटी में सर्च ऑपरेशन चला रही है. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई. पीएम मोदी ने फोन कर गृह मंत्री अमित शाह को घाटी का दौरा करने को कहा है.
द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है. ये आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की एक शाखा है, जो कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद सामने आया है. अनुच्छेद 370 के हटने के छह महीने के भीतर, यह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) सहित विभिन्न गुटों के आतंकवादियों को एकीकृत करके ये संगठन बनाया गया है.
गृह मंत्रालय ने TRF को घोषित किया है आतंकी संगठन
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जनवरी 2023 में टीआरएफ और उसके संगठनों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक आतंकवादी संगठन घोषित किया है. मंत्रालय ने कहा कि टीआरएफ जम्मू और कश्मीर के लोगों को भारतीय राज्य के खिलाफ आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए उकसाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर मनोवैज्ञानिक कार्यों में शामिल था.
घाटी में कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है TRF
इस फ्रंट में आतंकवादी साजिद जट्ट, सज्जाद गुल और सलीम रहमानी प्रमुख हैं, ये सभी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हैं. अपनी स्थापना के बाद से ही लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का संगठन माना जाने वाला TRF घाटी में पर्यटकों, अल्पसंख्यक कश्मीरी पंडितों और खासकर प्रवासी मजदूरों को निशाना बनाकर किए गए कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है. इसके अलावा द रेजिस्टेंस फ्रंट गंदेरबल जिले में एक निर्माण स्थल पर खुली गोलीबारी के लिए भी जिम्मेदार है, जिसमें सात लोग मारे गए थे. मृतकों में एक कश्मीरी डॉक्टर, मजदूर और एक ठेकेदार शामिल हैं.
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