Pakistan Airspace Closed: पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले लश्कर ए तैयबा के फ्रंट टीआरएफ पर अमेरिकी प्रतिबंध के बाद पाकिस्तान को फिर से भारत की एयर स्ट्राइक का डर सता रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि पूरे एक हफ्ते के लिए पाकिस्तान ने अपनी एयर स्पेस में नोटम जारी कर दिया है. माना जा रहा है कि पाकिस्तान में मिलिट्री एक्सरसाइज या फिर मिसाइल टेस्ट चल रहा है.
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के सेंट्रल सेक्टर में 16-23 जुलाई तक एयर-स्पेस पूरी तरह बंद रहेगी. वहीं, दक्षिणी पाकिस्तानी की एयर-स्पेस 22-23 जुलाई को बंद रहेगी. इस बाबत पाकिस्तान ने नोटम यानी नोटिस टू एयरमैन जारी किया है. पिछले हफ्ते ही चीन के कार्गो विमानों को पाकिस्तान में देखा गया था. ऐसे में माना जा रहा है कि चीन ने पाकिस्तान को नए हथियार और एयर डिफेंस सिस्टम सप्लाई किए हैं, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर (6-10 मई) के दौरान भारत ने पाकिस्तान के आतंकी अड्डों और एयरबेस तबाह करने के साथ ही बड़े पैमाने पर रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को बर्बाद कर दिया था.
लश्कर ए तैयबा के हेडक्वार्टर को शिफ्ट करने के दिए निर्देश
इस बीच खबर है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने लश्कर ए तैयबा के हेडक्वार्टर को मुरीदके से बहावलपुर शिफ्ट करने का निर्देश दिया है. 80 के दशक के आखिरी वर्षों में अफगानिस्तान में सोवियत-तालिबान युद्ध खत्म होने बाद से लश्कर का मुख्यालय पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके में था.
लश्कर के हेडक्वार्टर के भीतर ISI का फील्ड ऑफिस
एबीपी न्यूज को मिली जानकारी के मुताबिक, बहावलपुर में ऐसे पोस्टर दिखाई पड़े हैं जिससे ये साबित होता है कि लश्कर अब मुरीदके में सक्रिय है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मुरीदके और बहावलपुर में भारतीय वायुसेना ने मिसाइल स्ट्राइक की थी. भारत की ब्रह्मोस मिसाइल ने बहावलपुर और मुरीदके, दोनों जगह जबरदस्त नुकसान पहुंचाया था. मुरीदके में लश्कर के हेडक्वार्टर के भीतर आईएसआई के फील्ड ऑफिस का भी खुलासा हुआ था.
ऑपरेशन सिंदूर में जैश और लश्कर के आतंकियों के मारे जाने के बाद भारत विरोधी गतिविधियों को तेज करने के इरादे से ये फैसला लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक, लश्कर के हेडक्वार्टर को मुरीदके से शिफ्ट करने के पीछे एक कारण ये भी हो सकता है कि अमेरिका सहित पूरी दुनिया को दिखाया जा सके कि लश्कर को खत्म कर दिया गया है.
पाकिस्तान को सता रहा एयर स्ट्राइक का डर
बहुत हद तक मुमकिन है कि लश्कर को नया नाम दे दिया जाए. ऐसा आईएसआई पहले भी कर चुकी है. मुंबई के 26-11 अटैक के बाद जब लश्कर को अमेरिका और यूएन (संयुक्त राष्ट्र) ने वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कर बैन लगाया था, तो उसका नाम जमात-उद-दावा कर दिया गया था.
आईएसआई, पाकिस्तान में पल-बढ़ रहे आतंकी संगठनों के नाम और उपनाम बदलने में माहिर है. यही वजह है कि कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए आईएसआई ने लश्कर को नया नाम टीआरएफ यानी द रजिस्टेंस फ्रंट दे दिया. ऐसा इसलिए ताकि लश्कर को कश्मीर से जुड़ा संगठन माना जाए. जबकि लश्कर एक इस्लामिक (धर्म से जुड़ा) शब्द है. अमेरिका के टीआरएफ को बैन करने से पाकिस्तान की साजिश का भंडाफोड़ हो गया है और उन्हें भारत की एयर-स्ट्राइक का डर सता रहा है क्योंकि भारत ने साफ कह रखा है कि ऑपरेशन सिंदूर को महज रोका गया है, खत्म नहीं हुआ है.