लोकसभा से 35 बदलावों के साथ फाइनेंस बिल पास, निर्मला बोली- टैक्स पेयर्स को राहत, जानें क्या खास

लोकसभा से 35 बदलावों के साथ फाइनेंस बिल पास, निर्मला बोली- टैक्स पेयर्स को राहत, जानें क्या खास


फाइनेंस बिल 2025 लोकसभा से मंगलवार को पास हो गया. केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे अभूतपूर्व कर राहत देने वाला बताते हुए कहा कि ये व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 13.14% की वृद्धि का ‘यथार्थवादी’ अनुमान ठोस आंकड़ों पर आधारित है.

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने लोकसभा में फाइनेंस बिल 2025 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि बजट में सीमा शुल्क को युक्तिसंगत बनाने के लिए घोषित कदम विनिर्माण इकाइयों और घरेलू मूल्य संवर्धन का समर्थन करेंगे. इसके साथ ही, निर्यात को बढ़ावा देंगे, व्यापार को सुविधाजनक बनाएंगे और आम लोगों को भी राहत प्रदान करेंगे. 

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एक फरवरी को पेश किए गए बजट में सरकार ने आयकर छूट को पहले के 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दिया. इनकम टैक्स छूट में बढ़ोतरी से अगले वित्त वर्ष में करीब एक लाख करोड़ रुपये का कर माफ होगा. 

इस बिल में जो जरूर संशोधन किए गए वो है- 

1-इलैक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी और मोबाइल फोन बनाने वाले पार्ट् के ऊपर से इंपोर्ट ड्यूटी को खत्म किया गया. अब फ्री होंगे ईलैक्ट्रिक व्हिकल बैटरी के 35 पार्ट्स और मोबाइल बनाने के 28 कंपोनेंट्स.

2-इनकम टैक्स रिटर्न के सेक्शन 143 (1) में नए नियम लाए गए. आयकर विभाग अब पिछले साल के आईटीआर की गलतियां सुधार करेगा. अगले रिटर्न में ये सुधार होगा.

3- इसके साथ ही, एक अप्रैल 2025 से ऑनलाइन एडवर्टिजमेंट (गूगल, मेट के विज्ञापन) पर 6% डिजिटल टैक्स खत्म हो जाएगा. इससे डिजिटल प्लेटफॉर्म और विज्ञापन कंपनियों पर कर का बोझ कम होगा.

बिल के जरूरी संशोधन

एक अप्रैल से शुरू होने जा रहे अगले फाइनेंशियल ईयर में व्यक्तिगत आयकर राजस्व में 13.14% बढ़ोतरी का अनुमान है. इसमें इनकम टैक्स राहत से आई 1 लाख करोड़ रुपये की कमी के बाद 7% की गिरावट को भी शामिल किया गया है. ऑनलाइन विज्ञापनों पर लगने वाले 6% डिजिटल टैक्स को हटाने के लिए संशोधन किए जाने पर सीतारमण ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय आर्थिक स्थितियों में अनिश्चितता दूर करने के लिए किया गया. 

वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में 12 लाख रुपये प्रति वर्ष से थोड़ी अधिक आय वाले करदाताओं के लिए भी आयकर कानून के तहत ‘मामूली राहत’ दी गई है. पिछले कुछ वर्षों में व्यक्तिगत आयकर संग्रह में काफी उछाल आया है और यह सालाना लगभग 20% की दर से बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2025-26 में व्यक्तिगत आयकर संग्रह 13.6 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान 12.2 लाख करोड़ रुपये है. इस तरह 12.2 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 13.6 लाख रुपये होने जा रहे हैं और यह एक निहायत ही यथार्थवादी गणना है.’’  

संपत्ति का स्वेच्छा से खुलासे की अपील

निर्मला सीतारमण ने कहा कि टैक्स डिपार्टमेंट ने एक कैंपेन चलाकर टैक्स पेयर्स से अपनी विदेशी आय और संपत्ति का स्वेच्छा से खुलासा करने को कहा है. इस क्रम में करीब 19 हजार 501 चुनिंदा टैक्स पेयर्स को SMS और ई-मेल भेजकर अपने टैक्स रिटर्स की समीक्षा करने के लिए कहा गया.

इनमें से 11 हजार 162 टैक्स पेयर्स ने अपने रिटर्न को संशोधित किया और विदेशी संपत्ति वाला फॉर्म भरकर 11 हजार 259.29 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति घोषित की.

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि इससे पैदा हुए प्रभाव के चलते अन्य टैक्स पेयर्स ने भी विदेशी संपत्तियों का खुलासा करने वाले रिटर्न दाखिल किए. इससे कुल 30 हजार 161 टैक्सपेयर्स ने 29 हजार 208 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति और 1,089 करोड़ रुपये की विदेशी आय का एलान किया.

निर्मला ने  सरकार को कर्मचारी और पेंशनभोगी मुद्दों के प्रति सहानुभूति रखने वाली सरकार बताते हुए कहा कि 7वें केंद्रीय वेतन आयोग से पहले और बाद के पेंशनभोगियों के बीच पूर्ण समानता लागू की गई है. उन्होंने संशोधन के संबंध में कहा कि सरकार ने पेंशन निर्धारण के तरीके की मार्च, 2008 की स्थिति को बहाल कर दिया है, जिसकी सिफारिश छठे केंद्रीय वेतन आयोग ने की थी.  वित्त मंत्री ने स्थिति को बहाल करने में हुई 16 साल की देरी के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘कई अदालती मामले चल रहे थे. हमें फैसले आने का इंतजार करना पड़ा. अब फैसले आ चुके हैं. हम 2008 में लिए गए फैसले का सम्मान करने जा रहे हैं.’’

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