वक्फ कानून के खिलाफ बंगाल में बवाल! जानें मुर्शिदाबाद में कैसे भड़की हिंसा? बड़ी बातें जानें

वक्फ कानून के खिलाफ बंगाल में बवाल! जानें मुर्शिदाबाद में कैसे भड़की हिंसा? बड़ी बातें जानें


Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में मंगलवार को वक्फ (संशोधन) कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर कथित तौर पर पथराव किया गया और उसके वाहनों में आग लगा दी गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. यह घटना जंगीपुर इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग 12 पर हुई, जहां दोपहर में बड़ी संख्या में लोग इस कानून को वापस लेने की मांग को लेकर जुटे थे.

जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारियों ने इलाके में तैनात पुलिस पर पथराव किया और कुछ पुलिस वाहनों में आग लगा दी गई.’’ उन्होंने कहा कि घटना के बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

अधिकारी ने बताया कि झड़प में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए. उन्होंने कहा कि घटना के संबंध में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. पश्चिम बंगाल पुलिस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है.

इंटरनेट सेवाएं बंद

मंगलवार (8 अप्रैल) शाम छह बजे से 48 घंटे के लिए धारा 163 लागू कर दी गई है. जंगीपुर अनुमंडल में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

हिंसा के बाद पुलिस ने क्या कहा?

पुलिस ने पोस्ट में कहा, ‘‘भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया है. राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सामान्य हो गया है. हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.’’ पोस्ट में कहा गया है, ‘‘गलत सूचना फैलाने की कोशिश करने वालों, अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. हम सभी से अनुरोध करते हैं कि वे अफवाहों पर ध्यान नहीं दें.’’

मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने की नींदा

राज्य के मंत्री और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष सिद्दीकुल्ला चौधरी ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की और कहा कि वाम दलों के शासन के दौरान भी अल्पसंख्यकों के साथ पुलिस द्वारा ऐसा व्यवहार नहीं किया जाता था.

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कहा, ‘‘वाम दलों के शासन के दौरान भी पुलिस ने अल्पसंख्यकों पर कभी लाठीचार्ज नहीं किया. अगर किसी ने हिंसा का सहारा लिया है तो जाहिर तौर पर कार्रवाई की जानी चाहिए. लेकिन एक रैली पर लाठीचार्ज करना अस्वीकार्य है.’’

बीजेपी ने राज्य सरकार पर लगाए आरोप

दूसरी ओर, बीजेपी ने इस स्थिति के लिए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को दोषी ठहराया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर ‘‘अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण’’ में लिप्त होने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगाया. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि एक विशेष समुदाय ने मुर्शिदाबाद में दंगा किया, पुलिस वाहनों को आग लगा दी और सरकारी संपत्ति को नष्ट कर दिया, जबकि मुख्यमंत्री ‘‘चुप्पी’’ साधे रहीं.

क्यों हो रहा विरोध?

संसद ने पिछले हफ्ते वक्फ (संशोधन) विधेयक पारित कर दिया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पांच अप्रैल को प्रस्तावित कानून को अपनी मंजूरी दे दी थी. बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने विधेयक का समर्थन किया, वहीं विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन ने इसका विरोध किया. कई मुस्लिम संगठनों और विपक्षी सांसदों ने कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

सत्तारूढ़ गठबंधन ने इसे पारदर्शिता बढ़ाने और पिछड़े मुसलमानों और समुदाय की महिलाओं के लिए सशक्तीकरण का कदम बताया है. वहीं, विपक्ष ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए कहा है कि वक्फ (संशोधन) कानून मुसलमानों के अधिकारों का हनन करता है.

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